
rajiv gandhi
Sadbhavna Diwas 2021: हर वर्ष 20 अगस्त को सद्भावना दिवस (Harmony Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हम देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती मनाते हैं। इस साल उनकी 77वीं जयंती है। इसे मनाने के लिए करीबी परिवार के सदस्य और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देने के लिए सुबह-सुबह वीरभूमि पर पहुंचेंगे।
40 वर्ष की उम्र में राजीव गांधी भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने थे। राजीव गांधी 1984 से 1989 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। भारत के लिए उनके विजन और समाज की बेहतरी के लिए उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
वे हमेशा भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में देखना चाहते थे। उन्होंने 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, लाइसेंस राज को कम करने और पंचायती राज को शामिल करने सहित कई अहम फैसले लिए। उनकी नीतियों पर चलकर आज देश विकास की ओर बढ़ रहा है। राजीव गांधी जयंती सद्भावना दिवस के साथ राजीव गांधी अक्षय उर्जा दिवस (Rajiv Gandhi Akshay Urja Diwas) के रूप में भी मनाया जाता है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने उनकी मृत्यु के एक वर्ष बाद 1992 में राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार की स्थापना करी थी।
सद्भावना दिवस का महत्व (SADBHAVANA DIWAS IMPORTANCE)
पूर्व प्रधानमंत्री की स्मृति में मनाया जाने वाले इस दिन का संदेश होता है कि देश में सभी धर्मों के लोग एकसाथ मिलजुल कर रहें। युवा पीएम की सरकार का लक्षय था कि लोगों को दूसरों के प्रति अच्छी भावना रखने के लिए प्रेरित करना, सभी धर्मों के लोगों के बीच भाईचारे, सामुदायिक समरसता, एकता, प्यार व अपनापन जगाए रखना था।
इस दिन देश की राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस जगह-जगह राजीव गांधी के फोटो पर पुष्प अर्पित करती है। वहीं केक काटकर खिलाया जाता है। पार्टी के नेता विभिन्न सभाओं के जरिए राजीव गांधी के सपनों को समर्थकों तक पहुंचाते हैं।
सद्भावना दिवस रैली
हर साल इस दिन कई कार्यक्रम होते हैं। राजीव गांधी के 69वीं वर्षगांठ पर ओडिशा के भुवनेश्वर में सद्भावना साइकिल रैली निकाली गई थी। इसका नेतृत्व कांग्रेस नेता लोकनाथ मराठी ने करा था। कांग्रेस पार्टी के कई सदस्यों ने रैली और दिन के कई कार्यों में भाग लिया था। कई स्कूल, कॉलेजों में इस दिन कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
राजीव गाँधी नेशनल सद्भावना अवार्ड
राजीव गाँधी नेशनल सद्भावना अवार्ड सांप्रदायिक सद्भाव, राष्ट्रीय एकता और शांति को बढ़ावा देने की दिशा में योगदान के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अखिल भारतीय कांग्रेस समिति द्वारा शुरू किया गया था। 1992 में इसे पूर्व पीएम राजीव गांधी की याद में देने की शुरूआत हुई थी। तब से अब तक हर साल सद्भावना दिवस के मौके पर सद्भावना अवार्ड का प्रोग्राम आयोजित किया जाता है। इस दौरान कई सोशल एक्टिविस्ट को पुरस्कार से नवाजा जाता है।
सद्भावना दिवस प्रतिज्ञा
इस वर्ष देश पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 77वीं जयंती मनाने जा रहा है। इस दिन प्रतिज्ञा ली जाती है ‘मैं ये पूरी गंभीर प्रतिज्ञा लेता हूं कि मैं जाति, क्षेत्र, धर्म और भाषा को बिना ध्यान दिए भारत के सभी लोगों की भावनात्मक एकात्मकता और सद्भावना के लिए कार्य करूंगा और मैं कसम खाता हूं कि बिना हिंसा के संवैधानिक साधनों और बातचीत के द्वारा एक-दूसरे के बीच की दूरियों को अवश्य समाप्त करूंगा'।
Published on:
19 Aug 2021 07:33 pm
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