
Tirupati Laddu controversy
Tirupati Laddu Dispute: तिरुपति लड्डू विवाद (Tirupati Laddu controversy) पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि कम से कम भगवान को राजनीति से दूर रखें। जस्टिस भूषण आर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथ की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की। बेंच के समक्ष सुब्रमण्यन स्वामी के वकील ने कहा कि निर्माण सामग्री बिना जांच के रसोई घर में जा रही थी। जांच में खुलासा हुआ है। जबकि सुपरविजन के लिए जिम्मेदार सिस्टम होना चाहिए, क्योंकि यह देवता का प्रसाद होता है। जनता और श्रद्धालुओं के लिए वो परम पवित्र है। अगर प्रसाद पर कोई सवालिया निशान है तो इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। बिना किसी सबूत के यह बयान देना कि प्रसाद में मिलावट है यह परेशान करने वाला है।
बता दें कि कोर्ट में दायर याचिकाओं में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) द्वारा लगाए आरोपों की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की है। उनका दावा है कि तिरुपति मंदिर में बनने वाले लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का उपयोग किया गया है। तिरुपति मंदिर बोर्ड की तरफ से एडवोकेट सिद्धार्थ और आंध्र प्रदेश सरकार की तरफ से एडवोकेट मुकुल रोहतगी पेश हुए।
आंद्र प्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी के सवाल का जवाब देते हुए कोर्ट ने कहा कि जब आप संवैधानिक पद पर हैं, तो हम उम्मीद करते हैं कि भगवान को राजनीति से देर रखा जाएगा। अगर आपने पहले ही जांच के आदेश दे दिए थे, तो प्रेस में जाने की क्या जरूरत थी? लैब की रिपोर्ट जुलाई में आई और आपका बयान सितंबर में आया। रिपोर्ट बिल्कुल भी स्पष्ट नहीं है।
Updated on:
30 Sept 2024 05:34 pm
Published on:
30 Sept 2024 03:47 pm
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