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Bhima Koregaon मामले में NCP प्रमुख शरद पवार को फिर से भेजा गया समन

Bhima Koregaon case: कोरेगांव भीमा जांच आयोग ने फिर से NCP प्रमुख शरद पवार को 5 और 6 मई को गवाह के रूप में पेश होने के लिए तलब किया है। इससे पहले भी उन्हें पेश होने के लिए तलब किया गया था परंतु वो उपस्थित नहीं हो सके थे।

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Mahima Pandey

Apr 27, 2022

Sharad Pawar yet again summoned by Bhima Koregaon Judicial commission

Sharad Pawar yet again summoned by Bhima Koregaon Judicial commission

Koregaon Bhima Commission of Inquiry : कोरेगांव भीमा न्यायिक आयोग ने बुधवार को फिर से एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को 5 और 6 मई को गवाह के रूप में आयोग के सामने पेश होने का समन जारी किया है। दरअसल, पवार ने 21 फरवरी को विस्तृत जानकारी के साथ आयोग के समक्ष एक अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा था। कुछ दिन पहले NCP प्रमुख ने अपना अतिरिक्त हलफनामा दाखिल किया था जिसके बाद समन जारी किया गया है।

बता दें कि इसी वर्ष कोरेगांव-भीमा जांच आयोग ने शरद पवार को 23 और 24 फरवरी को हाजिर होने को कहा था। तब शरद पवार ने एक वीडियो जारी कर जानकारी दी थी कि वो जांच आयोग के समक्ष पेश नहीं हो सकेंगे। अब फिर से जांच आयोग ने शरद पवार को अपना समन भेजा है।

कोलकाता हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश जेएन पटेल और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव सुमित मलिक का दो सदस्यीय जांच आयोग कोरेगांव भीमा हिंसा की जांच कर रहा है। पुणे पुलिस के अनुसार, कोरेगांव भीमा की 1818 की लड़ाई की द्विशताब्दी वर्षगांठ के दौरान 1 जनवरी 2018 को वॉर मेमोरियल के पास जाति समूहों के बीच हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में तब एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 10 पुलिसकर्मी समेत कई लोग घायल हो गए थे।

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पुणे पुलिस ने आरोप लगाया था कि 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित 'एल्गार परिषद सम्मेलन' में "भड़काऊ' भाषणों ने कोरेगांव भीमा के आसपास हिंसा को जन्म दिया था। पुणे पुलिस ने ये भी दावा किया था कि माओवादियों ने एल्गार परिषद की घटना का समर्थन किया था और तब भड़काऊ भाषण दिए गए थे जिससे अगले दिन कोरेगांव भीमा में कथित तौर पर हिंसा हुई थी। इस मामले में कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज और तेलुगु कवि वरवर राव भी आरोपियों में शामिल हैं।