Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शरजील इमाम ने अंतरिम जमानत याचिका ली वापस, बिहार चुनाव लड़ने की जताई थी इच्छा; बड़ी वजह आई सामने

शरजील इमाम की ओर से पेश हुए वकील अहमद इब्राहिम ने कोर्ट को बताया- नियमित जमानत याचिका पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Ashib Khan

Oct 14, 2025

शरजील इमाम ने अंतरिम याचिका ली वापस (Photo-X)

शरजील इमाम ने दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट के समक्ष अपनी याचिका वापस ले ली। इमाम ने सोमवार को कोर्ट के समक्ष अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। उन्होंने इस याचिका में बिहार चुनाव लड़ने के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी। अब एक दिन बाद ही उन्होंने यह याचिका वापस ले ली है। शरजील इमाम की ओर से पेश हुए वकील अहमद इब्राहिम ने कोर्ट को बताया- नियमित जमानत याचिका पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। 

क्या बोले वकील

उन्होंने कहा कि अंतरिम ज़मानत अर्ज़ी के लिए भी सर्वोच्च न्यायालय ही होना चाहिए था। वहीं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) समीर बाजपेयी ने वकील से इस संबंध में एक अर्ज़ी दायर करने को कहा और कहा कि अनुरोध स्वीकार कर लिया जाएगा।

14 दिन की मांगी थी जमानत

बता दें कि शरजील इमाम ने बिहार की बहादुरगंज विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। उन्होंने 15 से 29 अक्टूबर तक 14 दिन की अंतरिम जमानत मांगी थी। 

याचिका में क्या दी दलील

शरजील इमाम ने अपनी याचिका में उन्होंने खुद को "राजनीतिक कैदी और छात्र कार्यकर्ता" बताया था। दलील दी गई थी कि वह अपने गृह राज्य बिहार से चुनाव लड़ने के इच्छुक है। जो कि दो चरणों में होगा। 

इमाम पर भड़काऊ भाषण देने का है आरोप

बता दें कि शरजील इमाम पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप हैं। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील ने शाहीन बाग और जामिया इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध के दौरान उकसाने वाले भाषण दिए थे, जिनसे हिंसा भड़की।

कुछ मामलों में मिल गई जमानत

हालांकि उनमें से कुछ मामलों में उन्हें जमानत दे दी गई थी, लेकिन वह 2020 के दिल्ली दंगों की साजिश के मामले में अभी भी जेल में बंद हैं, जिसमें दिल्ली पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) लगाया है। बता दें कि 2 सितंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय ने दंगों की साजिश के मामले में उनकी नियमित ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी। उस आदेश के खिलाफ उनकी अपील सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है।