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श्रमिक स्कूल: Nafih Mohammed Naser की एक अनोखी पहल

इस विद्यालय में बच्चों की भाषा, खेल, कला, नृत्य, गायन, सामान्य ज्ञान की शिक्षा के साथ उनके भोजन का भी इंतज़ाम होता है।

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श्रमिक स्कूल

श्रमिक स्कूल

नई दिल्ली। बाल विकास के लिए कार्य करने वाले नफ़ी मोहम्मद नासिर के कोरोना महामारी के दौरान
बेंगलुरु में शुरू किए गए एक पहल के लिए खुब तारीफ़ हो रही है। कोरोना के बाद लॉक्डाउन के वक़्त श्रमिक मज़दूरों के बीच अफ़रातफ़री सी मच गई थी। अधिकांश मज़दूरों ने अपनी नौकरियाँ खो दीं।

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एक लम्बे अंतराल के बाद बड़ी संख्या में मज़दूर बड़े शहरों की ओर वापस आ रहे हैं लेकिन उनके लिए उचित नौकरी पाना अभी भी कठिन प्रतीत हो रहा है। ऐसे में उन मज़दूरों के बच्चों की शिक्षा लव भी नुक़सान पहुँच रहा है। इन्हीं कारणों से नफ़ी मोहम्मद नासिर ने एक निशुल्क श्रमिक स्कूल की स्थापना कर दी।

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इस विद्यालय में बच्चों की भाषा, खेल, कला, नृत्य, गायन, सामान्य ज्ञान की शिक्षा के साथ उनके भोजन का भी इंतज़ाम होता है। यहाँ योगदान देने वाले सभी शिक्षक बड़ी कम्पनियों में नौकरी करने वाले कर्मचारी हैं। मीडिया से बातचीत करते हुए नफ़ी ने कहा “ हर इंसान का समाज के प्रति कर्तव्य होता है, मेरा भी है। अगर मेरे थोड़े से समय और संसाधनों से कुछ नन्ही जिंदगियां संवर सकतीं हैं तो इससे बड़ी बात क्या होगी।आवश्यकता है कि समाज के ढेर सारे सम्पन्न लोग अपने स्तर पर ऐसी कोशिशें करते रहें।”