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इजराइल-ईरान युद्ध के बीच भारत पंहुचा सिंगापुर का सबसे बड़ा एयरफोर्स दल, जानें वजह

India and Singapore Joint Military Training: इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना राफेल, मिराज 2000 आईटीआई, सुखोई-30 एमकेआई, तेजस, मिग-29 और जगुआर विमान के साथ भाग लेगी।

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India and Singapore Joint Military Training: इजराइल-ईरान और रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत और सिंगापुर ने पश्चिम बंगाल में 'ज्वाइंट मिलट्री ट्रेनिंग' शुरू की है। सोमवार से शुरू हुए इस युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देशों की वायु सेनाएं अन्य अभ्यासों के साथ-साथ हवाई युद्ध सिमुलेशन का भी अभ्यास करेंगी। इसके साथ ही युद्ध की तैयारी से जुड़े महत्वपूर्ण अभ्यास किए जाएंगे। इस अभ्यास में एफ-16, सी-130 हवाई जहाज, राफेल, मिराज, सुखोई-30 एमकेआई, तेजस, मिग-29 और जगुआर विमान शामिल हैं। दोनों वायु सेनाओं के बीच ज्ञान साझा करने के अवसर भी इस दौरान दोनों सेनाओं के अधिकारियों को मिलेंगे।

सबसे बड़ी टुकड़ी ले रही भाग

रक्षा मंत्रालय ने इस युद्धाभ्यास के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि सिंगापुर, अपनी अब तक की सबसे बड़ी टुकड़ी के साथ इस अभ्यास में भाग ले रहा है। भारतीय वायु सेना और सिंगापुर वायु सेना ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा वायु सेना स्टेशन पर संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास का 12वां संस्करण शुरू किया है। अभ्यास का दूसरा द्विपक्षीय चरण 13 से 21 नवंबर 2024 तक आयोजित किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इससे दोनों सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ने की उम्मीद है। इसमें हवाई युद्ध सिमुलेशन, संयुक्त मिशन योजना और डीब्रीफिंग सत्र होंगे। इसका उद्देश्य अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना, युद्ध की तैयारी में तेजी लाना और दोनों वायु सेनाओं के बीच ज्ञान साझा करने की प्रक्रिया को बढ़ावा देना है। सिंगापुर वायु सेना की इस टुकड़ी में एफ-16, एफ-15 स्क्वाड्रन के एयरक्रू और सहायक कर्मी शामिल हैं।

ये फाइटर जेट ले रहे हिस्सा

साथ ही, जी-550 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (एईडब्ल्यूएंडसी) और सी-130 हवाई जहाज भी शामिल हैं। इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना राफेल, मिराज 2000 आईटीआई, सुखोई-30 एमकेआई, तेजस, मिग-29 और जगुआर विमान के साथ भाग लेगी। यह संयुक्त सैन्य अभ्यास दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित द्विपक्षीय समझौते के तहत आयोजित किया गया है। यह दोनों वायु सेनाओं के बीच बढ़ते पेशेवर सहयोग को दर्शाता है। हवाई संचालन के अलावा, दोनों देशों के वायु सेना अधिकारी और कर्मी सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करेंगे क्योंकि वे अगले सात हफ्तों में कई खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी भाग लेंगे। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह 'ज्वाइंट मिलट्री ट्रेनिंग' (जेएमटी-2024) भारत और सिंगापुर के बीच वर्षों के सहयोग और संयुक्त अभ्यास के साथ-साथ आपसी सहयोग से पैदा हुए मजबूत द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को दर्शाता है।