23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दुकानदार के बेटे को ‘बेटा’ कहने पर दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या, पुलिस ने आठ लोगो को किया गिरफ्तार

निलेश राठौड़ नाम के एक दलित युवक को कुछ लोगों ने इसलिए मार डाला क्योंकि उसने एक दूसरी जात के दुकानदार के बेटे को 'बेटा' कह कर बुलाया था। इस घटना के बाद कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी ने परिवार से मुलाकात कर इंसाफ की मांग की है।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Siddharth Rai

May 24, 2025

दुकान पर बैठे छोटे बच्चे को दलित युवक ने बेटा कह कर बुलाया तो कुछ लोगों ने उसे बेरहमी से पीटा। (Photo- X/@UshaHZala)

गुजरात के अमरेली जिले में एक दलित युवक को कुछ लोगों ने सिर्फ इसलिए बेरहमी से पीटा क्योंकि उसने एक अलग जाति के नाबालिग लड़के को 'बेटा' कहकर पुकारा था। युवक की इलाज के दौरान भावनगर के अस्पताल में मौत हो गई। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया है और एक नाबालिग को हिरासत में लिया है।

जिग्नेश मेवाणी ने फेसबुक पर किया पोस्ट

शुक्रवार को कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी मृतक निलेश राठौड़ के परिवार के साथ धरने पर बैठ गए और इंसाफ की मांग की। उन्होंने फेसबुक पर लिखा, "जरकिया गांव के निलेश राठौड़ की जान चली गई… सिर्फ इसलिए कि उन्होंने एक बच्चे को 'बेटा' कह दिया था और जातिवादी लोगों ने उन्हें बेरहमी से पीटा। हम मांग करते हैं कि पीड़ित परिवार और उनके साथ मार खाए तीन और लोगों को 5 एकड़ ज़मीन या सरकारी नौकरी दी जाए, साथ ही जांच किसी अच्छे अधिकारी से करवाई जाए और केस को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए, ताकि समाज में एक सख्त संदेश जाए।"

दुकानदार के बेटे को 'बेटा' कहने पर जान से मारा

एफआईआर के अनुसार, 16 मई को लालजी मंसुख चौहान, राठौड़ और कुछ और लोग अमरेली-सावरकुंडला रोड पर एक भजिया स्टॉल के पास खड़े थे। तभी राठौड़ पास की दुकान से पैकेज स्नैक्स लेने गए। जब वे वापस आए, तो उन्होंने बताया कि उन्होंने दुकानदार के बेटे से पूछा था कि क्या उसे ऊपर टंगी पैकेट्स निकालने में मदद चाहिए और इसी दौरान उन्होंने उसे 'बेटा' कह दिया। इस बात से दुकानदार नाराज़ हो गया और उसने राठौड़ को लोहे की कड़छी से मारने की कोशिश की।

राठौड़ समेत तीन लोगों पर किया हमला

इसके बाद चौहान मामले को समझने के लिए खुद उस दुकान पर गए। लेकिन तभी दुकानदार ने उन पर भी डंडे से हमला किया। एफआईआर के अनुसार, विजय आनंद टोता नाम के एक और शख्स ने दुकानदार का साथ दिया और चौहान और राठौड़ दोनों को मारने लगे। इस बीच भजिया स्टॉल के मालिक जागा दुधत मौके पर पहुंचे और दोनों को बचाया।

बुज़ुर्ग व्यक्ति ने बीच-बचाव कर सबको शांत कराया

कुछ देर बाद राठौड़ के चाचा सुरेश दुकानदार से बात करने गए, लेकिन तब तक दुकानदार कुछ और लोगों को बुला चुका था। फिर इन लोगों ने डंडों और हसियों से हमला किया और जातिसूचक गालियां दीं। एफआईआर में लिखा है कि जब पीड़ित भागने लगे, तो हमलावर उनका पीछा करते रहे और बार-बार कह रहे थे कि "नीची जाति" के होकर भी "उपर उठने की कोशिश" कर रहे हो। हमला तब रुका जब एक बुज़ुर्ग व्यक्ति ने बीच-बचाव कर सबको शांत कराया।

इन धाराओं के तहत मामला दर्ज़

अमरेली ग्रामीण पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में शुरुआत में सिर्फ चार आरोपियों दुकानदार भरवाड़, टोता, भावेश मुंधवा और जतिन मुंधवा के नाम थे क्योंकि पीड़ित सिर्फ इन्हीं को पहचान पाए थे। इन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं जैसे – 118(1) (गंभीर चोट), 115(2) (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 189(2) व (4) (गैरकानूनी भीड़), 190 (भीड़ के हर सदस्य की जिम्मेदारी), 191(2) व (3) (दंगे व हथियारों के साथ दंगा), 131 (हमला), 352 (जानबूझकर अपमान) में केस दर्ज किया गया है। इसके अलावा SC/ST एक्ट की धाराएं और गुजरात पुलिस एक्ट की धारा 135 भी लगाई गई हैं।

अमरेली के एसपी संजय खरात ने बताया, "एफआईआर में नामित चार आरोपियों में से एक की गिरफ्तारी के बाद हमें पता चला कि कुल 11 लोग इस हमले में शामिल थे। अब तक 9 लोगों को पकड़ लिया गया है और बाकी दो की तलाश जारी है।"