दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा, “रिकार्ड में मौजूद डॉक्युमेंट्स पर ध्यान देने के बाद ये स्पष्ट है कि कोई ऐसा लाइसेन्स नहीं है जो कभी वादी या उसकी बेटी के पक्ष में जारी किया था। स्मृति ईरानी या उनकी बेटी रेस्टोरेंट के मालिक नहीं हैं। प्रथम दृष्ट्या में ये भी साबित होता है कि दोनों में से किसी ने भी कभी लाइसेन्स के लिए आवेदन नहीं किया था।”
कांग्रेस ने की साजिश?
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि ‘कांग्रेस नेता कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पवन खेरा, नेट्टा डिसूजा ने अन्य के साथ मिलकर स्मृति ईरानी व उनकी बेटी पर झूठे, तीखे और व्यक्तिगत हमले की साजिश रची है जिसका उद्देश्य केवल उनकी बदनामी, अपयश और उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का था।’ कोर्ट ने माना कि कांग्रेस नेताओं द्वारा दिए गए बयान भी स्मृति ईरानी व उनकी बेटी को बदनाम करने के इरादे से दिए गए थे जो फर्जी प्रतीत होते हैं।
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कोर्ट ने दिया सभी पोस्ट डिलीट के आदेश
इसके साथ ही कोर्ट ने 24 घंटों के भीतर आरोपों से जुड़े ट्वीट, रीट्वीट, पोस्ट और वीडियो जैसे सभी कंटेन्ट सोशल मीडिया से हटाने के आदेश दिए हैं।
बता दें कि कांग्रेस नेताओं ने केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी व उनकी 18 वर्षीय बेटी पर गोवा में एक गैर कानूनी बार चलाने का आरोप लगाया था। इस मामले पर मीडिया के जरिए स्मृति ईरानी ने कहा था कि वो कोर्ट में मानहानि का केस करेंगी। इसके बाद उन्होंने झूठे आरोपों के खिलाफ मानहानि का वाद दायर किया था। इसी मामले पर कोर्ट ने आज सुनवाई की थी। अब अगली सुनवाई हाईकोर्ट और रजिस्ट्रार के समक्ष क्रमशः 15 नवंबर और 18 अगस्त को होगी।