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NCP नेता नवाब मलिक की बढ़ी मुश्किल, PMLA कोर्ट ने 7 मार्च तक बढ़ाई ED कस्टडी

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से कनेक्शन और मनी लॉन्ड्रिंग में फंसे एनसीपी नेता नवाब मलिक की मुश्किल बढ़ गई है। विशेष पीएमएलए अदालत ने महाराष्ट्र के मंत्री और NCP नेता नवाब मलिक (NCP leader Nawab Malik) की प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत (ED Custody) 7 मार्च तक बढ़ा दी है।

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Dheeraj Sharma

Mar 03, 2022

Special PMLA court extends ED custody of NCP leader Nawab Malik till 7th March

Special PMLA court extends ED custody of NCP leader Nawab Malik till 7th March

महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। गुरुवार को एक बार फिर उनके लिए बुरी खबर सामने आई है। स्पेशल पीएमएल कोर्ट ने दाऊद इब्राहिम से कनेक्शन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नवाब मलिक की हिरासत बढ़ा दी है। कोर्ट ने 7 मार्च तक नवाब मलिक की कस्टडी बढ़ा दी है। दरअसल एनसीपी नेता की हिरासत गुरुवार 3 मार्च को खत्म हो रही थी। इससे पहले माना जा रहा है था कि ईडी मलिक की हिरासत बढ़ाने की मांग कर सकती है। वहीं एनसीपी नेता नवाब मलिक ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।


स्पेशल कोर्ट ने महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक को आठ दिनों की ईडी हिरासत में भेजा था। उनकी ये हिरासत गुरुवार को खत्म हो रही थी, लेकिन कोर्ट ने एक बार फिर इसे 7 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया है।

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दरअसल बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले को लेकर बुधवार को सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान ईडी ने नवाब मलिक की याचिका पर जवाब देने के लिए कोर्ट से वक्त मांगा। जबकि कोर्ट ने ईडी को 7 मार्च तक का समय दिया है। अब हाई कोर्ट में सात मार्च को सुनवाई होगी।


बता दें कि नवाब मलिक की ओर से सोमवार को बॉम्बे हाइ कोर्ट में याचिका दायर करते हुए यह दावा किया था कि उन पर ईडी की कार्रवाई राजनीतिक कारणों से हुई है। वे अकेले नहीं हैं, जिन पर केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया गया है।

मलिक ने कहा कि, राजनीतिक विरोधियों को दबाने का यह ट्रेंड बन गया है। उन्होंने कहा था कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है। इसे रद्द किया जाए और उन पर लगे आरोप से उन्हें बरी किया जाए।


ये है मामला

नवाब मलिक पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई के कुर्ला स्थित मुनिरा प्लंबर की 300 करोड़ रुपए की जमीन 30 लाख रुपए में खरीदी थी और उसमें भी पेमेंट 20 लाख रुपए का किया गया था। इस जमीन के मालिक को एक रुपया नहीं दिया गया। बल्कि उनसे यह जमीन पॉवर ऑफ एटॉर्नी के जरिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से संबंधित और मुंबई बम ब्लास्ट के आरोपी व्यक्तियों के नाम करवाई गई।

यही नहीं इस मामले में मलिक के बेटे फराज के नाम यह जमीन ले ली गई। इसके बदले में दाऊद की बहन हसीना पारकर के खाते में पचास लाख रुपए ट्रांसफर किए गए।


बढ़ी नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग

महाराष्ट्र की सियासत भीग गर्मा गई है। महाराष्ट्र विधानसभा में एलओपी देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'सरकार नवाब मलिक का इस्तीफा क्यों नहीं लेना चाहती? ये दाऊद समर्पित सरकार है. नवाब मलिक का इस्तीफा तुरंत लिया जाना चाहिए।'

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