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H3N2 के लिए दिल्‍ली के LNJP अस्‍पताल में बना स्‍पेशल वार्ड, 15 डॉक्टरों की टीम तैनात

कोरोना के बाद अब लोगों को H3N2 इन्फ्लूएंजा का डर सताने लगा है। इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली के LNJP अस्पताल में अलग से H3N2 के मरीजों के लिए 20 आइसोलेशन बेड की व्यवस्था की गई है। यहां ऑक्सीजन की व्यवस्था है, बाईपैप मशीनें हैं, वेंटिलेटर लगाए गए हैं।

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LNJP Hospital

LNJP Hospital

महामारी कोरोना वायरस के बाद अब देशभर में H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस का खौफ बढ़ता ही जा रहा है। बीते कुछ दिनों से इस वायरस के मामले में सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को अलर्ट रहने के निर्देश जारी किए है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (LNJP ) में अलग से H3N2 के मरीजों के लिए 20 आइसोलेशन बेड की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही 15 विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम तैनात की गई है, जो राउंड द क्लॉक ड्यूटी करेंगे।


एच3एन2 संक्रमण के बढ़ते केसों के बीच दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) ने एच3एन2 के लिए 20 बिस्तरों वाला आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। आइसोलेशन वार्ड में ऑक्सीजन, बीआईपीएपी मशीन, वेंटिलेटर की व्यवस्था है। एलएनजेपी के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि एच3एन2 मरीजों के लिए 20 बेड के साथ ऑक्सीजन, बीआईपीएपी मशीन, वेंटिलेटर की व्यवस्था के साथ एक अलग आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। 15 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम मरीजों के लिए चौबीसों घंटे तैनात की गई है।


पिछले कुछ दिनों में एलएनजेपी ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। पहले ओपीडी में प्रतिदिन 1200-1300 मरीज आते थे, अब प्रतिदिन करीब 1600 मरीज आ रहे हैं। ओपीडी में पहले करीब 400 बच्चे आते थे, अब रोजाना करीब 600 बच्चे आ रहे हैं। अस्पताल प्रशासन ने कहा, हालांकि ऐसा नहीं है कि ये सभी एच3एन2 वायरस से संक्रमित हैं। जो भी संदिग्ध मरीज दिखता है, हम उसका सैंपल आरटीपीसीआर जांच के लिए भेजते हैं।

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इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं के ओपीडी और आईपीडी में इन्फ्लुएंजा जैसे बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) के मामलों की निगरानी एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा की जाती है।


मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ओसेल्टामिविर डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुशंसित दवा है। यह दवा सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के माध्यम से नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती है। सरकार ने व्यापक पहुंच और उपलब्धता के लिए फरवरी 2017 में दवा और कॉस्मेटिक अधिनियम की अनुसूची एच1 के तहत ओसेल्टामिविर की बिक्री की अनुमति दी है।


— एक सप्ताह या इससे अधिक दिन तक बुखार
— नाक से पानी आना
— सिर में दर्द रहना
— उल्टी महसूस होना
— भूख का कम होना
— शरीर में दर्द रहना
— बुखार भी तेज होना।
— खांसी काफी समय तक रहना
— बलगम की परेशानी बढ़ना