जबरन छुट्टी पर भेजे गए SpiceJet के 80 पायलट
रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्पाइसजेट ने मंगलवार को लगभग 80 पायलटों को तीन महीने के लिए बिना वेतन के ही छुट्टी पर भेज दिया है। स्पाइसजेट ने अपने बयान में कहा, ‘ये कदम एयरलाइन के किसी कर्मचारी को नौकरी से बाहर नहीं करने की नीति के अनुरूप है, कोरोना महमारी के दौरान भी एयरलाइन ने कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकाला था। ये कदम पायलटों की संख्यालागत को युक्तिसंगत बनाने के लिए अस्थाई तौर पर उठाया गया है।’
सूत्रों के अनुसार, बोइंग और Q400 बेड़े के पायलटों को लागत कम करने के लिए बिना वेतन के छुट्टी पर जाने के लिए कहा गया है। इससे कंपनी को लागत कम करने और अपने खर्च करने में मदद मिलेगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्पाइसजेट ने मंगलवार को लगभग 80 पायलटों को तीन महीने के लिए बिना वेतन के ही छुट्टी पर भेज दिया है। स्पाइसजेट ने अपने बयान में कहा, ‘ये कदम एयरलाइन के किसी कर्मचारी को नौकरी से बाहर नहीं करने की नीति के अनुरूप है, कोरोना महमारी के दौरान भी एयरलाइन ने कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकाला था। ये कदम पायलटों की संख्यालागत को युक्तिसंगत बनाने के लिए अस्थाई तौर पर उठाया गया है।’
सूत्रों के अनुसार, बोइंग और Q400 बेड़े के पायलटों को लागत कम करने के लिए बिना वेतन के छुट्टी पर जाने के लिए कहा गया है। इससे कंपनी को लागत कम करने और अपने खर्च करने में मदद मिलेगी।
यह भी पढ़ें
यह एयरलाइन मुफ्त बांट रही 50 लाख टिकट, 25 सितंबर तक बुकिंग कराने का मौका
बता दें कि स्पाइसजेट के कुल 90 विमान हैं लेकिन DGCA द्वारा रोक लगाए जाने के बाद से वो केवल 50 विमान का ही संचालन कर रहा है। दरअसल, 27 जुलाई 2022 को DGCA ने स्पाइसजेट विमानों में आ रही तकनीकी खामी को देखते हुए बड़ा एक्शन लिया था। DGCA ने 8 हफ्तों के लिए इसकि 50 फीसदी उड़ानों पर रोक लगा दी थी। तब DGCA ने कहा भी था कि स्पाइसजेट को अपनी पूरी उड़ानों के लिए ये साबित करना होगा कि वो अतिरिक्त भार उठाने की क्षमता हो। इससे कंपनी को पहले ही नुकसान हो रहा था।
अगर कंपनी की आर्थिक हालत देखें तो इसी वर्ष जून तिमाही में इसका घाटा बढ़कर 784 करोड़ रुपये तक पहुँच गया था। पिछले वित्त वर्ष में समान तिमाही में कंपनी को 729 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इससे पहले वर्ष 2018-19 में 316 करोड़ रुपये, 2019-20 में 934 करोड़ रुपये और 2020-21 में 998 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इसके शेयर में भी भारी गिरावट देखने को मिली है।