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Subhash Chandra Bose Jayanti: ‘हमें विकसित भारत के लिए एकजुट होना होगा’, पीएम मोदी ने आजाद हिंद फौज से ली प्रेरणा

Subhash Chandra Bose Jayanti: नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की जयंती यानी 23 जनवरी पर भारत सरकार ने 2021 में पराक्रम दिवस (Parakram Diwas) मनाने की घोषणा की थी। पराक्रम दिवस 2025 का भव्य उत्सव 23 जनवरी से 25 जनवरी, 2025 तक ओडिशा के कटक में बाराबती किले में मनाया जाएगा।

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Subhas Chandra Bose Jayanti Parakram Diwas 2025

Subhas Chandra Bose Jayanti: Parakram Diwas 2025

Subhash Chandra Bose Jayanti: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित है। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की जयंती यानी 23 जनवरी पर भारत सरकार ने 2021 में पराक्रम दिवस (Parakram Diwas) मनाने की घोषणा की। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उनकी आजाद हिंद फौज (Azad Hind Fauj) से तुलना करते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को देशवासियों से विकसित भारत (Vikshit Bharat) के लिए एकजुट होने की अपील की। प्रधानमंत्री एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ओडिशा के कटक में बाराबती किले में पराक्रम दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। पीएम मोदी ने ओड़िया भाषा में अपना संबोधन शुरू करते हुए तीन दिवसीय समारोह के आयोजन के लिए ओडिशा के लोगों और सरकार को बधाई दी।

'विकसित भारत के लिए आज हमें एकजुट होना है'


पीएम मोदी ने कहा, "आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के पावन अवसर पर पूरा देश उन्हें श्रद्धा के साथ याद कर रहा है। मैं नेताजी सुभाष बाबू को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। इस वर्ष पराक्रम दिवस का भव्य समारोह नेताजी की जन्मस्थली पर हो रहा है। मैं इसके लिए ओडिशा के लोगों और ओडिशा सरकार को बधाई देता हूं," समारोह में विभिन्न कार्यक्रमों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, "कटक में नेताजी के जीवन से जुड़ी एक बड़ी प्रदर्शनी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी में नेताजी के जीवन से जुड़ी कई धरोहरों को सहेजा गया है। कई चित्रकारों ने नेताजी के जीवन के दृश्यों को कैनवास पर उकेरा है और नेताजी से जुड़ी कई किताबें संग्रहित की गई हैं।" पीएम मोदी ने कहा, "उन्हें स्वराज के लिए एकजुट होना पड़ा और आज हमें विकसित भारत के लिए एकजुट होना है।"

'सिविल सेवा परीक्षा पास करने के बाद भी सुभाष चंद्र बोस ने...'


प्रधानमंत्री ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के बारे में भी बात की।
पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी सिविल सेवा परीक्षा पास करने के बाद एक आसान जीवन जी सकते थे, लेकिन उन्होंने देश की आजादी के लिए कठिनाइयों और चुनौतियों को चुना। प्रधानमंत्री ने कहा, "हम नेताजी के जीवन से लगातार प्रेरणा लेते हैं। उनके जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य आज़ाद हिंद था। नेताजी एक संपन्न परिवार में पैदा हुए, सिविल सेवा परीक्षा पास की और अगर वे चाहते तो ब्रिटिश सरकार के अधीन एक वरिष्ठ पद पर आसीन हो सकते थे और एक आसान जीवन जी सकते थे। लेकिन उन्होंने देश की आजादी के लिए कठिनाइयों और चुनौतियों को चुना।"

पराक्रम दिवस 2025 का कार्यक्रम 25 जनवरी तक चलेगा

पराक्रम दिवस 2025 का भव्य उत्सव 23 जनवरी से 25 जनवरी, 2025 तक ओडिशा के कटक में बाराबती किले में मनाया जाएगा, जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्मस्थली है। बहुआयामी उत्सव नेताजी की 128वीं जयंती पर उनकी विरासत का सम्मान करेगा। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की ‘आजाद हिंद फौज' (Azad Hind Fauj)’ ने साल 1942 में अंग्रेजों के नाक के दम कर दिया था।

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बता दें कि पराक्रम दिवस के अवसर पर एक मूर्तिकला कार्यशाला और एक चित्रकला प्रतियोगिता-सह-कार्यशाला की भी योजना बनाई गई है। कार्यक्रम में नेताजी की विरासत का सम्मान करते हुए और ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को उजागर करते हुए सांस्कृतिक प्रदर्शन भी होंगे। इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम के दौरान नेताजी के जीवन पर फिल्में भी दिखाई जाएंगी।