
वैज्ञानिकों ने बताया कि टेलिस्कोप उनकी पोजिशन नहीं ले पा रहे. (प्रतीकात्मक फोटो)
धरती पर अंतरिक्ष से बड़ा खतरा मंडरा रहा है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अंतरिक्ष में कुछ ऐसे भारीभरकम एस्टेरॉयड मंडरा रहे हैं, जो अगर धरती से टकरा गए तो पूरे के पूरे शहर तबाह हो सकते हैं। इन एस्टेरॉयड को डिटेक्ट कर पाना मुश्किल है। सूरज की रोशनी और शुक्र ग्रह के रास्ते में आने से वैज्ञानिक टेलिस्कोप से उन एस्टेरॉयड का पता नहीं लगा पा रहे हैं। ये कभी भी अपना रास्ता बदल लेते हैं। धरती से ये कब टकरा जाएंगे इसकी सटीक जानकारी निकाल पाना मुश्किल है।
शुक्र के ऑर्बिट में जो एस्टेरॉयड मंडरा रहे हैं, वह उस ग्रह से दूरी बनाए हुए हैं, लेकिन ग्रेविटेशनल फोर्स के प्रभाव में अपना रास्ता बदल सकते हैं। इससे वे धरती के ऑर्बिट को क्रॉस कर सकते हैं, जिससे उनके टकराने की आशंका प्रबल हो जाती है। उनके बार-बार रास्ता बदलने से धरती के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है।
ब्राजील के वैज्ञानिकों ने बताया कि धरती से टेलिस्कोप उनकी पोजिशन का सही आकलन नहीं कर पा रहे हैं। शुक्र के पास सूरज की रोशनी इतनी ज्यादा है कि कुछ भी देख पाना या ऑब्जेक्ट डिटेक्ट कर पाना आसान नहीं है। इससे जानलेवा एस्टेरॉयड कब धरती के पास आ जाएं, ये पता नहीं लग पाएगा।
वैज्ञानिकों ने इन एस्टेरॉयड को 2020 एसबी, 524522 और 2020 सी1 नाम दिया है, जिनकी अब तक पहचान हो पाई है। इनका आकार 100 से 400 मीटर व्यास में है। इतने बड़े आकार के एस्टेरॉयड का धरती से टकराना बड़ी तबाही मचा सकता है। इससे घनी आबादी वाले शहरी इलाकों पर खतरा मंडरा रहा है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक धरती पर मौजूद टेलिस्कोप से जब शुक्र के आसपास के क्षेत्र की स्कैनिंग की जाती है तो कुछ भी नहीं दिखता। इस ब्लाइंड स्पॉट के कारण ज्यादा दिक्कत आ रही है। अगर इस आपदा से बचना है तो शुक्र के अंतरिक्ष की गहन जांच करनी पड़ेगी। इससे उस इलाके की ढंग से पड़ताल हो पाएगी और हम मुसीबत का पता समय रहते लगा पाएंगे। वैज्ञानिक ने इस दिशा में अंतरिक्ष मिशन शुरू करने की सिफारिश की है ताकि उन हमलावर एस्टेरॉयड की पहचान की जा सके और कई शहरों को बर्बाद होने से बचाया जा सके।
Published on:
28 May 2025 09:22 pm
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