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कोरोना से मौत के मुआवजे के दावे पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, झूठे दावों की होगी जांच, केंद्र सरकार लेगी एक्शन

कोरोना वायरस ( Coronavirus )महामारी के दौरान हुई मौत के बाद परिजनों को मुआवजा देने की बात कही गई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को कोरोना से मौत का मुआवजा पाने के लिए झूठे दावे दाखिल किए जाने के आरोपों की जांच की अनुमति दी है।

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Supreme Court Allows Center To Investigate The Filing Of False Claims For Compensation Of Covid 19

Supreme Court Allows Center To Investigate The Filing Of False Claims For Compensation Of Covid 19

कोरोना महामारी (Corona Pandemic) में संक्रमण से हुई मौत के बाद परिजनों को मुआवजा देने की बात कही गई थी, इसके तरह लोग मुआवजा भी पाने लग गए थे। ऐसे में कई लोगों ने रकम पाने के लिए झूठे दावे करना शुरू कर दिए थे। लिहाजा ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। इसी मामले की सुनवाई करते हुए गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया। ऐसे मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार को कोरोना से मौत का मुआवजा पाने के लिए झूठे दावे दाखिल किए जाने के आरोपों की जांच की अनुमति दी है। इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिए थे कि वह कोरोना से मौत का मुआवजा पाने के लिए झूठे दावे दाखिल किए जाने के आरोपों की जांच करवाएगा।


केंद्र सरकार लेगी एक्शन

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार (Center Government) को कोरोना से मौत का मुआवजा (Corona Death Compensation) पाने के लिए झूठे दावे दाखिल किए जाने के आरोपों की जांच की मंजूरी दी है। यानी अब झूठे दावे करने वालों के खिलाफ केंद्र सरकार एक्शन ले सकती है।

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इन चार राज्यों में होगी जांच

इसके तहत आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और केरल में दाखिल हुए 5 फीसदी दावों की समीक्षा की जाएगी। दरअसल इन चार राज्यों में मुआवजे के लिए किए जाने वाले दावों और कोरोना से मौत के आधिकारिक आंकड़े में सबसे ज्यादा अंतर देखा गया।


60 दिन में करें दावा

इसके साथ ही सर्वोच्च अदालत ने 28 मार्च तक कोरोना से होने वाली मौत के मुआवजे का दावा करने की समय सीमा 60 दिन तय की है। भविष्य में होने वाली मौत का मुआवजा पाने के लिए दावा भी 90 दिन के भीतर ही करना होगा।

बता दें कि इससे पहले शीर्ष अदालत ने संकेत दिए थे कि वह कोरोना से मौत का मुआवजा पाने के लिए झूठे दावे दाखिल किए जाने के आरोपों की जांच करवाएगा।


केंद्र सरकार ने कोर्ट को यह जानकारी दी थी कि कोरोना से मौत के आधिकारिक आंकड़े और मुआवजा पाने के लिए दाखिल हुए आवेदन की संख्या में काफी अंतर है। केंद्र सरकार ने मांग की थी कि मामले में ऑडिट या किसी और तरीके से जांच की जानी चाहिए। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की अपील मानते हैं मामले की जांच की अनुमति दे दी है।

50 हजार रुपए मुआवजे का दिया था आदेश

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल यह आदेश दिया था कि पूरे देश में कोरोना वायरस से मरने वालों के परिवार को 50 हज़ार रुपये का मुआवजा दिया जाए।

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