
इंडिगो फ्लाइट। (Photo-IANS)
इंडिगो एयरलाइंस की उड़ानों के रद्द होने से यात्रियों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। इसको लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।
कोर्ट का कहना है कि यह मामला पहले से ही दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट को इसमें दखल देने की आवश्यकता नहीं है।
इस मामले की सुनवाई कर रहे सीजेआई सूर्यकांत ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी बात दिल्ली हाईकोर्ट में ही रखें। सीजेआई ने कहा कि जब किसी मामले पर हाईकोर्ट पहले से सुनवाई कर रहा हो और उसने कुछ निर्देश भी दिए हों, तो ऐसे में अगर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई शुरू करता है, तो हाईकोर्ट को अपनी सुनवाई रोकनी पड़ती है। यह न्यायिक व्यवस्था के लिहाज से सही नहीं होगा।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी माना कि यह मुद्दा जनता से जुड़ा हुआ है और इससे बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं। इस मामले में चीफ जस्टिस ने दिल्ली हाईकोर्ट को निर्देश देते हुए कहा है कि वह इस मामले में याचिकाकर्ता नरेंद्र मिश्रा की दलीलों को भी ध्यान से सुने और उन पर विचार करे।
दरअसल, याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में स्वतः संज्ञान लेने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि इंडिगो की फ्लाइट अचानक कैंसिल होने से यात्रियों को भारी परेशानी और आर्थिक नुकसान हुआ है। कई लोगों की यात्राएं रद्द हुईं, जरूरी काम अटक गए और उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़े।
याचिकाकर्ता ने अदालत से इंडिगो एयरलाइंस की सेवाओं को सुरक्षित तरीके से दोबारा शुरू करने के लिए एक विस्तृत योजना बनाने की मांग की।
साथ ही, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए से इस मामले पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया। यात्रियों को भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े, इसके लिए यह कदम उठाने की मांग की गई है।
बता दें कि इंडियो मामले में डीजीसीए ने भी बड़ा एक्शन लिया है। इंडिगो फ्लाइट की मॉनिटरिंग करने वाले चार फ्लाइट इंस्पेक्टरों को डीजीसीए ने नौकरी से निकाल दिया। वहीं, इंडिगो की 10 प्रतिशत फ्लाइट के ऑपरेशन्स पर रोक लगा दी।
Published on:
15 Dec 2025 02:45 pm
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
