7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

8th pay commission के बाद Tax Free का मास्टरस्ट्रोक! निशाने पर दिल्ली और बिहार, जानिए सियासी मायने

Budget 2025: बजट में 12 लाख तक सालाना कमाई को टैक्स फ्री के दायरे में लाकर सरकार ने चुनाव में भाग्य विधाता माने जाने वाले मध्यम वर्ग को गदगद कर दिया। पढ़िए नवनीत मिश्र की खास रिपोर्ट...

2 min read
Google source verification

Budget 2025: मोदी सरकार ने आम बजट में महंगाई से जूझते मध्यम वर्ग को 'करमुक्ति' का मरहम लगाने का मास्टरस्ट्रोक खेल दिया। 12 लाख तक सालाना कमाई को टैक्स फ्री के दायरे में लाकर सरकार ने चुनाव में भाग्य विधाता माने जाने वाले मध्यम वर्ग को गदगद कर दिया। लोकसभा चुनाव में एनडीए की सीटों के घटने के पीछे मध्यम तबके के असंतोष को बड़ा कारण माना गया था। अब दिल्ली चुनाव से ठीक पहले बजट में हुई इस बड़ी घोषणा के पीछे के निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं।

दिल्ली में 70 प्रतिशत से ज्यादा मध्यम वर्ग लोग

देश में मध्यम वर्ग की आबादी करीब 30 प्रतिशत है, वही लोकनीति-सीएसडीएस सर्वे के मुताबिक दिल्ली में 70 प्रतिशत से ज्यादा लोग मध्यम वर्ग के हैं। ऐसे में इस घोषणा के असर को समझा जा सकता है। हाल में सरकार की ओर से की गई आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा को भी दिल्ली चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।

यह भी पढ़ें- Budget 2025: रेलवे में सफर होगा आसान…200 वंदे भारत, 100 अमृत भारत, 50 नमो भारत ट्रेनें और चलेंगी

यह भी पढ़ें- Budget 2025: बजट को लेकर सीतारमण और पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम से सवाल जवाब

बिहार के लिए बहार क्यों?

बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार के लिए सौगातों की बौछार कर दी। प्रदेश में मखाना उत्पादन और मखाना बोर्ड की स्थापना, आइआइटी पटना में सुविधाओं की बढ़ोतरी, तीन नए एआइ सेंटर, पटना एयरपोर्ट का विस्तार और नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने की घोषणाएं की। इसके पीछे दो वजहें मानी जा रही है। पहला यह कि साल के आखिर में ही बिहार में चुनाव है। इन घोषणाओं के जरिए बिहार की जनता को भाजपा के करीब लाने की कोशिश की गई है। दूसरा मुख्य कारण है कि नीतीश कुमार ने समर्थन देने के वक्त बिहार को केंद्र से ज्यादा मदद की अपेक्षा जताई थी। इन घोषणाओं के जरिए चुनावी सीजन में नीतीश से रिश्ते और मजबूत करने की कोशिश भी है। क्योंकि नीतीश चुनाव नजदीक आने पर अप्रत्याशित फैसलों के लिए जाने जाते रहे हैं।