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हेमंत सोरेन फिर से बनेंगे सीएम, चंपई छोड़ेंगे कुर्सी, गठबंधन विधायकों की बैठक में बनी सहमति !

Jharkhand Politics: बुधवार को हेमंत सोरेन के आवास पर हो रही बैठक में सीएम के तौर पर उनकी या उनकी पत्नी को गठबंधन सरकार का नया नेता बनाए जाने का प्रस्ताव लाया जा सकता है।

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छह दिन पहले जेल से बाहर आए हेमंत सोरेन एक बार फिर सीएम बनेंगे। झारखंड के सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों और प्रमुख नेताओं की बैठक में इस पर सहमति बनने की खबर आ रही है। तय हुआ है कि मौजूदा सीएम चंपई सोरेन पद से इस्तीफा देंगे और उनकी जगह हेमंत सोरेन शपथ लेंगे। हालांकि, अभी आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा नहीं की गई है।
झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के कांके रोड स्थित आवास पर गठबंधन के विधायकों की दोपहर 12 बजे से चल रही बैठक अब भी जारी है। सभी विधायक और नेता अब भी हेमंत सोरेन के आवास के अंदर ही हैं।

सीएम चंपई सोरेन ने खुद पद छोड़ने का रखा प्रस्ताव

बताया जा रहा है कि बैठक में सीएम चंपई सोरेन ने खुद पद छोड़ने और हेमंत सोरेन को नेता चुने जाने का प्रस्ताव रखा और इस पर तमाम विधायकों ने सहमति जाहिर की। बैठक में कांग्रेस पार्टी के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर, झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर और गठबंधन की तीनों पार्टियों के प्रमुख नेता उपस्थित हैं।

सोरेन के जेल से निकलते ही लगने लगी थी कयास

दरअसल, 28 जून को पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से रेगुलर बेल मिलने और पांच महीने बाद उनके जेल से बाहर आने के बाद से ही राज्य में राजनीतिक परिस्थितियां अचानक से बदलती दिख रही हैं। हेमंत सोरेन ने मंगलवार शाम सीएम चंपई सोरेन से मुलाकात की थी। यह तय है कि अगले तीन से चार महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव में गठबंधन की अगुवाई हेमंत सोरेन ही करेंगे।

फिर से सीएम बन सकते हैं हेमंत

ऐसे में बुधवार को हो रही बैठक में सीएम के तौर पर हेमंत सोरेन को वापस लाने या उनकी पत्नी कल्पना सोरेन का नाम गठबंधन सरकार का नया नेता बनाए जाने का प्रस्ताव लाया जा सकता है। यह भी हो सकता है कि तत्काल ऐसा निर्णय लिए जाने के बजाय गठबंधन के सभी विधायकों से हस्ताक्षर लेकर किसी भी ‘बड़े फैसले’ के लिए हेमंत सोरेन को अधिकृत कर दिया जाए। ऐसा होने से सरकार का ‘निर्णायक बटन’ हेमंत सोरेन के पास होगा।

हेमंत ने चंपई को बनाया था सीएम

बीते 31 जनवरी को ईडी ने जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जब हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था, तब उसके पहले भी सत्तारूढ़ गठबंधन ने यही तरीका अपनाया था। गठबंधन के विधायकों ने हेमंत सोरेन को फैसले के लिए अधिकृत कर दिया था। जैसे ही ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया, उन्होंने तत्काल चंपई सोरेन को अपना उत्तराधिकारी बना दिया। हेमंत सोरेन इस्तीफा देने राजभवन पहुंचे थे तो चंपई सोरेन भी उनके साथ थे और उन्होंने उसी पल नई सरकार बनाने का दावा राज्यपाल के समक्ष पेश किया था।

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