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और चमकेगा ‘तेजस’ का तेज, मिग की कमी पूरी करेगा स्वदेशी लड़ाकू विमान

तेजस का तेज अगले दो साल में चरणबद्ध रूप से सेवानिवृत्त होने वाले रूस निर्मित मिग विमानों की कमी पूरी करेगा। हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से फरवरी 2021 में 46,898 करोड़ की लागत से 83 तेजस विमान खरीदने का करार कर चुकी वायुसेना अब लगभग 55 हजार करोड़ की लागत से तेजस मार्क-1ए के 97 विमान और खरीदने वाली है।

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जिस स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी लड़ाकू विमान में सवार होने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री बने, उसी तेजस का तेज अगले दो साल में चरणबद्ध रूप से सेवानिवृत्त होने वाले रूस निर्मित मिग विमानों की कमी पूरी करेगा। हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से फरवरी 2021 में 46,898 करोड़ की लागत से 83 तेजस विमान खरीदने का करार कर चुकी वायुसेना अब लगभग 55 हजार करोड़ की लागत से तेजस मार्क-1ए के 97 विमान और खरीदने वाली है। वायुसेना के इस प्रस्ताव को रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की अगले सप्ताह प्रस्तावित बैठक में मंजूरी मिलने के आसार हैं। इन्हें मिलाकर वायुसेना के पास तेजस विमानों की संख्या 180 हो जाएगी। दो साल पहले हुए करार के अनुरूप तेजस की आपूर्ति अगले साल फरवरी से शुरू होने के आसार हैं।


एचएएल से 97 और तेजस की खरीद को शीघ्र मंजूरी के आसार

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि वायुसेना इन दिनों लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही है। मिग और पुराने हो रहे अन्य विमानों के फेजआउट होने के कारण लड़ाकू विमानों की स्वीकृत 42 स्क्वाड्रन की जगह वायुसेना के पास 32 स्क्वाड्रन ही रह गई है। ऐसे में तेजस की खरीद में तेजी जरूरी है। केंद्र सरकार भी आत्मनिर्भर भारत नीति के तहत इन विमानों के उत्पादन में तेजी लाने को प्रोत्साहन दे रही है। हाल ही तेजस के उन्नत संस्करण एलसीए एमके-2 के विकास के लिए नौ हजार करोड़ रुपए से ज्यादा मंजूर किए गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी शनिवार को एचएएल परिसर की यात्रा के दौरान प्रगति की समीक्षा की। वायुसेना के खरीद प्रस्ताव को मंजूरी के बाद उत्पादन में और तेजी आने के आसार हैं।


तीस को मिल सकती है मंजूरी

सूत्रों के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में डीएसी की बैठक संभवतः 30 नवंबर को होगी। इसमें 97 तेजस के अलावा 45 हजार करोड़ की लागत से 156 एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (90 थलसेना व 66 वायुसेना के लिए) की खरीद व नौसेना के लिए विक्रांत के बाद एक और विमान वाहक पोत के निर्माण की मंजूरी के प्रस्ताव भी रखे जाने की संभावना है। यहां मंजूरी के बाद ये प्रस्ताव रक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी के सामने अंतिम मंजूरी के लिए पेश किए जाएंगे।

विदेशों की भी नजर

तेजस पर कई देशों की नजर है। हाल ही दुबई एयर शो में तेजस ने चीनी फाइटर जे-10सी व पाकिस्तान के जेएफ 17 थंडर ब्लॉक-3 से मुकाबला कर दुनिया का ध्यान खींचा है। इससे पहले मलेशिया, फिलिपींस, अर्जेंटीना, नाइजीरिया जैसे देश तेजस खरीदने में रूचि दिखा चुके हैं, लेकिन एचएएल की प्राथमिकता स्वदेशी जरूरत पूरी करना है।

एक नजर तेजस पर

- 4 मई 2003 को तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया नाम तेजस
- 1 जुलाई 2016 को हुआ वायुसेना में शामिल
- ‘फ्लाइंग डैगर्स’ बनी पहली स्क्वाड्रन
- मई 2020 में बनी दूसरी स्क्वाड्रन 'फ्लाई बुलैट'
- फरवरी 2021 में एचएएल से 83 तेजस खरीद का करार

ये है खासियत

- मल्टीमोड एयरबोर्न रडार
- हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले
- सेल्फ प्रोटेक्शन सूट
- लैंडिंग-टेक ऑफ के लिए चाहिए बहुत कम जगह
- दुर्गम इलाकों में भी कर सकता है लैंडिंग
- नौसेना के विमान वाहक पोत से भी भर सकता है उड़ान