
सोमनाथ जबलपुर एक्सप्रेस में कैटरिंग वाले यात्री को पीटते हुए। (फोटो: X Handle NCMIndia Council For Men Affairs)
Indian Railways Passenger Assault Viral Video: सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल (Viral train video India) हो रहा है जिसमें एक यात्री को ट्रेन के अंदर पिटते (Indian Railways passenger assault)हुए देखा जा सकता है। आरोप है कि यात्री ने ट्रेन में कैटरिंग सेवा की ओर से ज़्यादा पैसे वसूल करने की शिकायत की थी, जिसके बाद उसे ही हमला झेलना पड़ा। यह वीडियो सबसे पहले Reddit के r/IndianRailways कम्युनिटी में पोस्ट किया गया था। बाद में यह X (पूर्व ट्विटर) और Instagram पर भी शेयर किया गया, जिससे मामला वायरल हो गया और जनता में नाराज़गी दिखाई दी।
रेडिट पोस्ट के अनुसार, शिकायत करने के बाद यात्री का PNR नंबर और सीट डिटेल IRCTC के जरिए ठेकेदार को भेजी गई। फिर, ठेकेदार ने कथित तौर पर अपने आदमी भेजकर ट्रेन में यात्री से मारपीट करवाई।
19 सेकंड की इस क्लिप में एक स्लीपर कोच नजर आ रहा है, जहां कुछ लोग, जिनमें से कुछ कैटरिंग की यूनिफॉर्म में हैं , एक यात्री को घेरकर मारते हुए दिखाई दे रहे हैं। दूसरी ओर, आसपास बैठे यात्री इस घटना को चुपचाप देख रहे हैं, कोई दखल नहीं दे रहा है।
एक्स पर वीडियो शेयर करने वाले एक यूज़र ने दावा किया कि यह घटना सोमनाथ-जबलपुर एक्सप्रेस (11463) में हुई। उन्होंने मौजूदा शिकायत प्रणाली की आलोचना करते हुए लिखा,जिस व्यक्ति के खिलाफ शिकायत हो, उसी के पास यात्री की डिटेल्स भेजना बहुत खतरनाक है। शिकायत की पुष्टि किसी तीसरे पक्ष से होनी चाहिए और यात्रियों को सीधे रिफंड मिलना चाहिए।
एक अन्य यूज़र ने कहा, कैसे कोई सिस्टम ग्राहक को सीधे ठेकेदार से सौदा करने पर मजबूर कर सकता है? आईआरसीटीसी जिम्मेदारी से बच रहा है, जबकि कैटरिंग के ठेकेदार बदमाशों जैसा बर्ताव कर रहे हैं। कई अन्य यूज़र्स ने भी अपने अनुभव साझा किए , उन्होंने बताया कि कैसे उन पर शिकायत वापस लेने का दबाव डाला गया या फिर झूठी पुष्टि करने के लिए कहा गया।
इस केस में भारतीय रेलवे या IRCTC की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। जैसे ही रेलवे का कोई जवाब सामने आता है, इस खबर को अपडेट कर दिया जाएगा।
इस घटना ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर गुस्सा साफ झलक रहा है। एक यूजर का कमेंट देखें, 'रेलवे में शिकायत करना अब खतरे से खाली नहीं है।' कई लोगों ने रेलवे की मौजूदा शिकायत प्रक्रिया को भेद्य और असुरक्षित बताया है। यात्रियों ने मांग की है कि शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखी जाए और IRCTC पर सीधी जवाबदेही तय की जाए।
रेलवे और IRCTC की प्रतिक्रिया का इंतज़ार है - क्या वे इस पर जांच बैठाएंगे ?
क्या ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी ?
यात्रियों के डेटा की सुरक्षा को लेकर नई गाइडलाइन्स लागू होंगी या नहीं?
क्या यह मामला संसद या रेलवे बोर्ड तक पहुंचेगा?
डेटा गोपनीयता पर सवाल: IRCTC कैसे शिकायतकर्ता की सीट और PNR जैसी संवेदनशील जानकारी ठेकेदार को दे सकता है ?
ठेकेदारों का प्रभाव: रेलवे में ठेकेदारों का वर्चस्व इतना अधिक क्यों है कि वे खुलेआम मारपीट करवा सकते हैं ?
यात्री सुरक्षा की ज़मीनी हकीकत: ट्रेन में मौजूद अन्य यात्रियों की निष्क्रियता भी एक चिंता का विषय है , क्या लोग डर के कारण चुप हैं?
कितनी शिकायतों पर दबाव डाला जाता है: क्या यह एक अलग-थलग घटना है या पैटर्न ऐसा बन चुका है?
Published on:
18 Jul 2025 09:45 pm
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