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बोइंग 787 की जांच में झूठी जानकारी देने पर एयर इंडिया के दो क्रू मेंबर्स टर्मिनेट, जानिए क्या है पूरा मामला

Air India: एयर इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि बीते साल बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के दरवाजे में तकनीकी गड़बड़ी के बारे में अपना बयान बदलने से इनकार करने पर दो वरिष्ठ फ्लाइट अटेंडेंट को बर्खास्त कर दिया गया था।

air india
एयर इंडिया फ्लाइट

Air India Flight: एयर इंडिया ने दो वरिष्ठ फ्लाइट अटेंडेंट्स की बर्खास्तगी को लेकर उठे विवाद पर शुक्रवार को आधिकारिक बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि दोनों कर्मचारियों को तकनीकी खामी से जुड़ी जांच के दौरान महत्वपूर्ण जानकारी को बार-बार गलत ढंग से पेश करने और अनुशासनहीनता के चलते हटाया गया है। यह प्रतिक्रिया तब आई जब एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि बीते वर्ष बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान के एक आपातकालीन दरवाजे की खराबी पर बयान बदलने से इनकार करने पर इन दोनों केबिन क्रू सदस्यों को बर्खास्त किया गया था।

मुंबई से लंदर जा रही थी फ्लाइट AI-129

एयर इंडिया के अनुसार, यह घटना 14 मई 2023 को हुई थी, जब मुंबई से लंदन पहुंची फ्लाइट AI-129 हीथ्रो एयरपोर्ट पर डॉक की गई थी। यात्री विमान से उतर चुके थे, तभी दरवाजा खोलते समय आपातकालीन स्लाइड अचानक सक्रिय हो गई। इस अप्रत्याशित घटना को लेकर जांच शुरू की गई, क्योंकि यह स्लाइड आमतौर पर तभी सक्रिय होती है जब दरवाजा आर्म्ड या ऑटोमैटिक मोड में होता है, जबकि क्रू का दावा था कि दरवाजा मैनुअल मोड में था।

कर्मचारियों को दो बार दिया गया था मौका

हालांकि, एयर इंडिया का कहना है कि उनकी तकनीकी टीम, तीसरे पक्ष के विशेषज्ञों और फोरेंसिक साक्ष्यों - जिनमें वीडियो फुटेज और डेटा लॉग शामिल हैं- से यह साफ हो गया कि दरवाजा उस वक्त निष्क्रिय नहीं था। कंपनी का यह भी दावा है कि दो बार बयान बदलने के अवसर दिए जाने के बावजूद इन दोनों पूर्व कर्मचारियों ने अपनी बात नहीं बदली, जिससे उनकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हुए।

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अनुशासनहीनता के चलते हटाया गया

बयान में यह भी कहा गया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूर्व केबिन क्रू सदस्य अब AI171 दुर्घटना की आड़ में एक बार फिर अपनी झूठी बातों को प्रचारित कर रहे हैं, जबकि कंपनी की आंतरिक जांच में सच्चाई सामने आ चुकी है।

इसी बीच, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी दुर्घटनाग्रस्त फ्लाइट AI171 से संबंधित जांच को लेकर स्थिति स्पष्ट की है। मंत्रालय के मुताबिक, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) या डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) को विदेश भेजने पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। मंत्रालय ने सभी संबंधित पक्षों से संवेदनशील मामलों में अटकलें लगाने से बचने और जांच प्रक्रिया को व्यवस्थित ढंग से आगे बढ़ने देने की अपील की है।