30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Underworld Don दाउद इब्राहिम के गुर्गे अबु सलेम की याचिका मंजूर, 1993 के बम विस्फोट मामले में आरोपी है Gangster

Underworld Don गैंगेस्टर अबु सलेम को लेकर सात सितंबर, 2017 को विशेष टाडा अदालत ने कहा था कि बिल्डर हत्या और बम विस्फोट दोनों मामले की सजा एक साथ चलेगी। अब ऐसे में एक मामले में जब छूट मिली है तो उसे दूसरी में भी मिलनी चाहिए।

3 min read
Google source verification

मुंबई में हुए 1993 सिलसिलेवार बम विस्फोट में आजीवन कारावास की सजा काट रहे गैगस्टर अबु सलेम की याचिका स्वीकार कर ली गई है। मुंबई की एक विशेष अदालत में अबु सलेम ने अपने हिरासत की अवधि के बदले जेल अवधि कम करने की याचिका लगाई है। अब देखना यह है कि जब सलेम को आजीवन कारावास की सजा मिली हुई है तो किस तरह से अदालत अबु सलेम की सजा कम करने का काम करती है।

पुर्तगाल से लाया गया था अभिनेत्री मोनिका बेदी का प्रेमी

गैंगस्टर अबु सलेम को पुर्तगाल से प्रत्यार्पित किया गया था। इसके बाद इस पर मुंबई में बम धमाका करने का केस चला। 2017 में इसे दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास में भेज दिया गया। बॉलीवुड अभिनेत्री मोनिका बेदी का प्रेमी अबु सलेम इस समय मुंबई की तलोजा जेल में सजा काट रहा है। बताया जाता है कि अबु सलेम अभिनेत्री मोनिका बेदी को विदेश में बीवी की तरह रखता था।

2005 से 2017 तक हिरासत में था सलेम

गैंगस्टर अबु सलेम पुर्तगाल से प्रत्यर्पण के बाद 7 सितंबर 2017 तक हिरासत में रहा। इसे 11 नवंबर 2005 को हिरासत में लिया गया था। अब इसी 12 साल की हिरासत को ही अबू सलेम अपने कारावास की सजा में जुड़वाना चाहता है। इसी आधार पर अपनी रिहाई का रास्ता भी तय करना चाहता है।

एक मामले में मिल चुकी है सलेम को छूट

गैंगेस्टर अबु सलेम बिल्डर प्रदीप जैन की हत्या का भी आरोपी है। 2015 में इस मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी लेकिन इस मामले में जेल अधिकारियों ने उसे बिल्डर हत्या मामले में विचाराधीन कैदी के रूप में हिरासत अवधि की छूट दे दी है लेकिन मुंबई बम विस्फोट मामले छूट नहीं मिल रही है।

गैंगेस्टर अबु सलेम…इसे बनाया आधार

गैंगेस्टर अबु सलेम को लेकर सात सितंबर, 2017 को विशेष टाडा अदालत ने कहा था कि बिल्डर हत्या और बम विस्फोट दोनों मामले की सजा एक साथ चलेगी। अब ऐसे में एक मामले में जब छूट मिली है तो उसे दूसरी में भी मिलनी चाहिए। इसी बात को अब सलेम ने आधार बना लिया है। याचिका को स्वीकार करते हुए टाडा के विशेष न्यायाधीश बीडी शेल्के ने जेल अधीक्षक को इस मामले में भी हिरासत में बिताई गई अवधि को भी छूट में देने का निर्देश दिया।

पुतर्गाल सरकार से हुआ था समझौता

इस मामले में पुर्तगाल सरकार ने भारत सरकार से प्रत्यर्पण के समय साफ समझौता किया था कि अबू सलेम को किसी अतिरिक्त अपराध के लिए सजा नहीं दी जाएगी। इसी बात को इस गैंगेस्टर ने अपनी ढाल बना ली है। दूसरी सबसे बड़ी बात है कि प्रत्यर्पण संधि में यह भी था कि उसे 25 साल से अधिक की सजा नहीं दी जाएगी। पुर्तगाल कानून के अनुसार उसे माफी भी मिल सकेगी।

नवंबर 2029 में हो सकती है आजमगढ़ के गुर्गे की रिहाई

टाडा न्यायालय ने अगर 11 नवंबर 2005 से छह सितंबर 2017 तक की हिरासत की अवधि सजा में जोड़ी तो नंवबर 2029 में अबु सलेम की रिहाई हो सकती है। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का निवासी अबुसलेम को 11 वर्ष नौ महीने और 26 दिन पुलिस हिरासत में ही रखा गया था। पहले इस गणना के लिए जेल तैयार नहीं थी लेकिन अब कोई संशय नहीं है। इसकी गणना की जानी तय की गई है।