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UPI भुगतान पर लगेगा चार्ज तो 70% से अधिक यूजर्स कर देंगे बंद, Survey में चौंकाने वाला खुलासा

UPI transaction: प्रणाली एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) देशभर में काफी लोकप्रिय है। एक ऑनलाइन सर्वेक्षण के अनुसार, अगर यूपीआई पर लेनदेन शुल्क लगाया गया तो अधिकांश यूजर्स इसका उपयोग करना बंद करेंगे।

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UPI transaction: लोकप्रिय मोबाइल भुगतान प्रणाली एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) का पूरे देश में उपयोग किया जाता है। अगर यूपीआई पर लेनदेन शुल्क लगया गया, तो ज्यादा यूजर्स इसका इस्तेमाल करना बंद कर देंगे। एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। एक सर्वेक्षण के मुताबिक, यदि भुगतानों पर कोई शुल्क लगाया जाता है, तो अधिकांश भारतीय उपयोगकर्ता एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) पर लेनदेन बंद सकते है।

...तो अधिकतर लोग बंद कर देंगे UPI

लोकलसर्किल्स के सर्वे के अनुसार, करीब 73 फीसदी उपयोगकर्ताओं ने कहा कि वे यूपीआई लेनदेन पर लेनदेन शुल्क लगाने के पक्ष में नहीं है। यदि ऐसा शुल्क लगाया जाता है तो वे डिजिटल भुगतान पद्धति का उपयोग करना बंद कर देंगे। सर्वे में शामिल केवल 23 प्रतिशत यूपीआई उपयोगकर्ता भुगतान पर लेनदेन शुल्क वहन करने को तैयार हैं।

364 से अधिक जिलों के लोगों ने लिया हिस्सा

सर्वे में भाग लिए अधिकांश यूजर्स का कहना है कि वे शून्य लेनदेन शुल्क के कारण यूपीआई का उपयोग करते हैं। अगर कोई शुल्क लागू किया जाता है, तो कई लोग यूपीआई का उपयोग कम कर देंगे या शुल्क के आधार पर इसका उपयोग बंद कर देंगे। इस सर्वेक्षण को देश के 364 से अधिक जिलों में स्थित नागरिकों से 34,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिली है।

37 फीसदी यूजर्स ने दी ये राय

सर्वेक्षण में एक बड़ी चिंता की ओर भी इशारा किया गया है। सर्वे में शामिल एक तिहाई उपयोगकर्ताओं ने दावा किया कि कुछ प्लेटफॉर्म या व्यापारी यूपीआई लेनदेन को संसाधित करने के लिए अतिरिक्त सुविधा शुल्क लगा रहे हैं। सर्वेक्षण के मुताबिक, 37 फीसदी यूपीआई उपयोगकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने पिछले 12 महीनों में एक या अधिक बार अपने यूपीआई भुगतान पर लेनदेन शुल्क लगाए जाने का अनुभव किया है।

UPI भुगतान पर चार्ज के खिलाफ यूजर्स

सर्वेक्षण के निष्कर्ष वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ चर्चा के दौरान फिनटेक कंपनियों द्वारा यूपीआई लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) लागू करने का मुद्दा उठाने के एक सप्ताह बाद जारी किए गए थे। यूपीआई भुगतान पर एमडीआर लगाने की फिनटेक उद्योग की लंबे समय से मांग रही है, क्योंकि वे ऐसे लेनदेन से राजस्व उत्पन्न नहीं करते हैं। एमडीआर एक व्यापारी से भुगतान संसाधित करने के लिए ली जाने वाली दर है। एमडीआर का प्रस्ताव करने के पिछले प्रयासों को आम जनता के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है।

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