26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Weather Forecast : देर से सही केरल पहुंचा मानसून, लेकिन पहले सप्ताह रहेगी धीमी शुरुआत, जानें क्यों

Weather Forecast : भारत के मौसम विज्ञान विभाग ने पहले ही कहा था कि इस साल मानसून आगमन में थोड़ी देर लग सकती है। हुआ भी कुछ ऐसा ही। लेकिन अब एक सप्ताह की देरी से ही यही लेकिन मानसून ने केरल में दस्तक दे दी है।

2 min read
Google source verification
weather_forecast_update_imd_announced_monsoon_arrived_kerala_but_it_will_remain_slow_for_one_week.jpg

Monsoon in Kerala : चिलचिलाती गर्मी से राहत दिलाने के लिए देर से ही सही लेकिन मानसून (Monsoon) ने देश में दस्तक दे दी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने केरल में मानसून के पहुंचने की घोषणा कर दी है। जाहिर है कि इस बार इसे आने में करीब एक सप्ताह की देरी लगी है। हालांकि सबसे पहले मानसून केरल (Kerala) ही पहुंचता है। लेकिन इस बार दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने अपने सामान्य समय से एक सप्ताह की देरी के बाद गुरुवार को भारत में दस्तक दी है। इस बीच IMD ने कोझीकोड जिले के लिए पहला ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है।

चक्रवात के कारण प्रभावित हुआ मानसून

बता दें कि मौसम विभाग ने पहले ही मानसून के कुछ दिनों की देरी से पहुंचने का अनुमान जताया था। मौसम विज्ञानियों ने इससे पहले कहा था कि चक्रवात बिपरजॉय (Cyclone Biparjoy) मॉनसून को प्रभावित कर रहा है और केरल में इसकी शुरुआत मामूली होगी। लेकिन अब IMD ने मानसून के केरल में आगमन की घोषणा कर दी है। उसने कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून आज आठ जून को केरल पहुंच गया है।

एक सप्ताह की हुई देरी

IMD ने अपने बयान में कहा कि मॉनसून दक्षिण अरब सागर के शेष हिस्सों और मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों और समूचे लक्षद्वीप क्षेत्र, केरल के अधिकतर क्षेत्र, दक्षिण तमिलनाडु के अधिकतर हिस्सों, कोमोरिन क्षेत्र के शेष हिस्सों, मन्नार की खाड़ी और दक्षिण पश्चिम, मध्य एवं उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों की ओर बढ़ रहा है। दक्षिण पश्चिम मॉनसून आम तौर पर केरल में एक जून तक पहुंच जाता है और सामान्यत: एक जून से करीब सात दिन पहले या बाद में यह पहुंचता है।

यह भी पढ़े - Weather Forecast : IMD अलर्ट से पसीने छूटे, दिल्ली-एनसीआर में भीषण गर्मी की आशंका, जानिए क्यों

ये रहे हैं अब तक के आंकड़े

IMD के अब तक के आंकड़ों को देखें तो पिछले 150 वर्षों में केरल में मॉनसून की शुरुआत की तारीख अलग रही है, जो 1918 में समय से काफी पहले 11 मई को और 1972 में सबसे देरी से 18 जून को आया था। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पिछले साल 29 मई को, 2021 में तीन जून को, 2020 में एक जून, 2019 में आठ जून और 2018 में 29 मई को केरल पहुंचा था।

अन्य हिस्सों में मानसून आने में नहीं होगी देरी

शोध से पता चलता है कि केरल में मॉनसून के आगमन में देरी का मतलब यह नहीं है कि उत्तर पश्चिम भारत में मॉनसून की शुरुआत में देरी होगी। हालांकि, केरल में मॉनसून के आगमन में देरी आम तौर पर दक्षिणी राज्यों और मुंबई में मॉनसून की शुरुआत में देरी से जुड़ी होती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि केरल में मॉनसून के आगमन में देरी भी इस मौसम के दौरान देश में कुल वर्षा को प्रभावित नहीं करती।

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय भी तेजी से बढ़ रहा

उधर, एक ओर जहां मानसून केरल पहुंच गया है तो वहीं दूसरी ओर चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Cyclone Biparjoy) भी तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। इसके मद्देनजर केरल के तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा और अलप्पुझा जिलों में येलो अलर्ट घोषित किया गया है। बता दें कि इस साल अरब सागर में बनने वाला पहला तूफान चक्रवात बिपरजॉय है। IMD ने एक अपडेट जारी करते हुए बताया कि पूर्व-मध्य और आस-पास के दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान बिपरजॉय उत्तर की ओर चला गया और एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है।

यह भी पढ़े - माता वैष्णों देवी के साथ श्रद्धालुओं को हो सकेंगे तिरुपति बालाजी के दर्शन, जानें कैसे