Operation Mahadev: भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ ने संयुक्त रूप से 'ऑपरेशन महादेव' चलाकर पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड सुलेमान शाह समेत तीन आतंकवादियों को मार गिराया।
What is Operation Mahadev? जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान शाह समेत तीन खूंखार आतंकियों को मार गिराया। यह संयुक्त ऑपरेशन भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की ओर से दो दिनों तक चला। दुर्गम पहाड़ी इलाकों और घने जंगलों में बेहद रणनीतिक तरीके से चलाए गए इस अभियान को सेना ने बड़ी सफलता करार दिया है।
इस ऑपरेशन का कोड नेम ‘महादेव’ श्रीनगर के पास स्थित महादेव पीक के नाम पर रखा गया, जो जबरवान रेंज की एक प्रमुख और पवित्र पर्वत चोटी है। यह चोटी सामरिक दृष्टि से अहम है क्योंकि यहां से लिडवास और मुलनार जैसे इलाके स्पष्ट दिखते हैं। साथ ही स्थानीय लोगों की आस्था से जुड़ी होने के कारण इसका नाम प्रतीकात्मक रूप से भी चुना गया। जिस इलाके में ऑपरेशन चला, वह भी इसी चोटी के आसपास का दुर्गम क्षेत्र था।
सुरक्षा एजेंसियों को दो दिन पहले दाचीगाम के जंगलों से आतंकी गतिविधियों की खुफिया सूचना मिली थी। इंटरसेप्ट किए गए संवादों में शक हुआ कि ये तत्व 22 अप्रैल के पहलगाम हमले से जुड़े हो सकते हैं, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।
इसके बाद चिनार कॉर्प्स ने तुरंत योजना बनाई। 24 राष्ट्रीय राइफल्स और 4 पैरा की स्पेशल यूनिट को लिडवास और मुलनार क्षेत्र में तैनात किया गया। स्थानीय लोगों की मदद से आतंकियों के संभावित ठिकानों की पहचान की गई और इलाके को पूरी तरह घेर लिया गया।
सोमवार सुबह करीब 11:30 बजे सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई। जवानों ने पहले से चारों ओर घेरा बना लिया था, जिससे आतंकियों को भागने का मौका नहीं मिला। लगभग एक घंटे तक भीषण गोलीबारी चली। दोपहर 12:37 बजे, ड्रोन से मिले विजुअल्स के माध्यम से तीन आतंकियों को मार गिराने की पुष्टि हुई।
इस मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों में सबसे बड़ा नाम था हाशिम मूसा। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का यह टॉप कमांडर, पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड था। उस पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह पहले पाकिस्तान की सेना में भी काम कर चुका था। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, वह लंबे समय से जम्मू-कश्मीर में आतंकी नेटवर्क चला रहा था।
हमले के बाद से ही सुलेमान शाह उर्फ हाशिम मूसा को पकड़ने के लिए व्यापक जाल बिछाया गया था। खुफिया एजेंसियों को उसके गंदेरबल जिले में छिपे होने की सूचना मिली थी। लेकिन हाल ही में यह पुख्ता इनपुट मिला कि वह लिडवास इलाके में अस्थायी बंकर बनाकर छिपा बैठा है। उसके साथ दो और आतंकी भी मौजूद थे। एजेंसियों ने इसकी पुष्टि के बाद ऑपरेशन महादेव शुरू किया।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था, जिसमें नौ आतंकी कैंप तबाह हुए थे और 100 से अधिक आतंकी मारे गए थे। अब ऑपरेशन महादेव के तहत मुख्य मास्टरमाइंड और उसके साथियों को मार गिराकर सुरक्षाबलों ने आतंकी नेटवर्क की रीढ़ तोड़ दी है।
सूत्रों के अनुसार, यह ऑपरेशन पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। 2 से 4 आतंकी अभी भी इलाके में छिपे हो सकते हैं। उनके लिए तलाशी अभियान अब भी जारी है। चिनार कॉर्प्स के एक अधिकारी ने कहा, हम तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक अंतिम आतंकी भी मारा नहीं जाता।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तानी आतंकियों ने बस रोककर लोगों का धर्म पूछा था और फिर चुनकर गोली मारी थी। यह नृशंसता पूरे देश को झकझोर गई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने सेना को खुली कार्रवाई की छूट दी थी।
‘ऑपरेशन महादेव’ की सफलता एक बार फिर यह साबित करती है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी स्तर तक जा सकता है। इस मिशन ने न सिर्फ शहीदों को न्याय दिलाया, बल्कि यह भी संदेश दिया कि जिसने भी भारत की सरज़मीं पर खून बहाया, उसे छोड़ा नहीं जाएगा।
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