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कौन हैं सीपी राधाकृष्णन जो बने देश के नए उपराष्ट्रपति, जानें उनके बारे में 7 बड़ी बातें

Who is CP Radhakrishnan: एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन देश के नए उपराष्ट्रपति चुने गए। 1957 में तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे राधाकृष्णन ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की पढ़ाई की।

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देश के नए उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन (Photo: ANI)

CP Radhakrishnan is New Vice President: एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को मंगलवार को देश के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुना गया। उपराष्ट्रपति चुनाव में उन्हें 452 प्रथम पसंद के मत प्राप्त हुए, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार जस्टिस बी. सुधर्शन रेड्डी को 300 मत मिले। कुल 767 सांसदों ने मतदान किया, जिसमें 752 वैध और 15 अमान्य थे। यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे के बाद कराया गया। राधाकृष्णन ने 152 मतों के अंतर से जीत हासिल की, जो एनडीए की मजबूत एकजुटता को दर्शाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और गृह मंत्री अमित शाह ने उनकी जीत पर बधाई दी। राधाकृष्णन ने कहा कि वे लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।

जन्म और प्रारंभिक जीवन

चंद्रपुरम पोनुसामी राधाकृष्णन का जन्म 4 मई 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले में हुआ। वे एक व्यवसायी परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री हासिल की। छात्र जीवन में वे टेबल टेनिस चैंपियन और लंबी दूरी के धावक रहे। उन्हें क्रिकेट और वॉलीबॉल का भी शौक है। राधाकृष्णन ने सार्वजनिक जीवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक के रूप में प्रवेश किया। 1974 में वे जनसंघ की तमिलनाडु राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने, जो बाद में भाजपा का हिस्सा बनी।

राजनीतिक सफर की शुरुआत

1996 में राधाकृष्णन को भाजपा का तमिलनाडु राज्य सचिव बनाया गया। 1998 में वे पहली बार कोयंबटूर से लोकसभा पहुंचे और 1999 में दोबारा सांसद चुने गए। सांसद रहते हुए उन्होंने कपड़ा संबंधी संसदीय स्थायी समिति की अध्यक्षता की। वे वित्त संबंधी परामर्शदात्री समिति, स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच समिति के सदस्य रहे। 2004 में वे संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बने और ताइवान गए पहले संसदीय दल में शामिल हुए। 2004-2007 तक उन्होंने भाजपा तमिलनाडु इकाई की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने 93 दिनों तक चली 19,000 किलोमीटर लंबी रथयात्रा निकाली, जिसमें नदियों को जोड़ना, आतंकवाद उन्मूलन, समान नागरिक संहिता और नशामुक्ति जैसे मुद्दों पर जोर दिया गया।

कॉयर बोर्ड और केरल भाजपा में भूमिका

2016 में राधाकृष्णन को कोच्चि स्थित कॉयर बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में कॉयर निर्यात 2,532 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंचा। 2020 से 2022 तक वे केरल भाजपा के प्रभारी रहे। उन्होंने पार्टी को दक्षिण भारत में मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राधाकृष्णन को भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के रूप में भी जाना जाता है। 2019 में वे कोयंबटूर से फिर सांसद पद के लिए उम्मीदवार थे, लेकिन जीत नहीं सके।

राज्यपाल के रूप में योगदान

18 फरवरी 2023 को राधाकृष्णन को झारखंड का राज्यपाल बनाया गया। उन्होंने कार्यकाल के पहले चार महीनों में राज्य के सभी 24 जिलों का दौरा किया। वे तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल चुके हैं। 31 जुलाई 2024 को उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद की शपथ ली। यहां उन्होंने पूरे राज्य का भ्रमण कर विभिन्न वर्गों से संवाद स्थापित किया। राज्यपाल रहते हुए उन्होंने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी। कुष्ठ रोग उन्मूलन के लिए भी सक्रिय रहे।

अंतरराष्ट्रीय यात्राएं और अनुभव

राधाकृष्णन ने 24 से अधिक देशों की यात्राएं की हैं, जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, पुर्तगाल, नॉर्वे, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड, बेल्जियम, हॉलैंड, तुर्की, चीन, मलेशिया, सिंगापुर, ताइवान, थाईलैंड, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और जापान शामिल हैं।

चार दशक का सार्वजनिक जीवन

चार दशक से अधिक समय से राजनीति और सार्वजनिक जीवन में सक्रिय राधाकृष्णन अब उपराष्ट्रपति के रूप में नई जिम्मेदारी संभालेंगे। वे राज्यसभा के सभापति के रूप में संसदीय कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाएंगे। उनकी विनम्रता, बौद्धिक क्षमता और समर्पण की सराहना होती है। तमिलनाडु से तीसरे उपराष्ट्रपति बनने पर राज्य में खुशी की लहर है। विपक्ष ने भी उनकी जीत को स्वीकार किया है।