
पीएम मोदी और सीपी राधाकृष्णन (Photo-IANS)
Who is CP Radhakrishnan: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को भारत के आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी आधिकारिक घोषणा की। राधाकृष्णन का यह चयन उनकी चार दशकों की राजनीतिक यात्रा, तमिलनाडु से गहरा जुड़ाव और RSS-भाजपा की विचारधारा के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन का जन्म 4 मई 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ था। 16 साल की उम्र से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े राधाकृष्णन ने 1974 में भारतीय जनसंघ के राज्य कार्यकारिणी सदस्य के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उनकी वैचारिक प्रतिबद्धता और संगठनात्मक कौशल ने उन्हें भाजपा में एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित किया। तमिलनाडु के प्रभावशाली गाउंडर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले राधाकृष्णन को ‘मोदी ऑफ तमिलनाडु’ भी कहा जाता है।
राधाकृष्णन ने 1998 और 1999 में कोयंबटूर लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की। 1998 में कोयंबटूर बम धमाकों के बाद उन्होंने 1.5 लाख वोटों के अंतर से और 1999 में 55,000 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। सांसद के रूप में उन्होंने टेक्सटाइल्स पर संसदीय समिति के अध्यक्ष और वित्त समिति के सदस्य के रूप में काम किया। 2004 में वे संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे और ताइवान के पहले संसदीय दौरे में शामिल हुए।
2004 से 2007 तक तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे राधाकृष्णन ने 19,000 किमी की 93-दिवसीय ‘रथ यात्रा’ आयोजित की, जिसमें नदियों को जोड़ने, आतंकवाद उन्मूलन, और अस्पृश्यता खत्म करने जैसे मुद्दों को उठाया गया। 2004 में DMK के NDA से अलग होने के बाद उन्होंने AIADMK के साथ गठबंधन को मजबूत किया। 2020-2022 तक वे केरल भाजपा के प्रभारी रहे और 2016-2020 तक कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में 2,532 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड निर्यात का नेतृत्व किया।
2023 में राधाकृष्णन को झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने सभी 24 जिलों का दौरा कर जनता और अधिकारियों से संवाद किया। 2024 में उन्हें तेलंगाना और पुडुचेरी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया, और जुलाई 2024 में वे महाराष्ट्र के राज्यपाल बने। उनकी सादगी और आदिवासी समुदायों के लिए काम ने उन्हें सम्मान दिलाया।
Updated on:
17 Aug 2025 10:51 pm
Published on:
17 Aug 2025 08:43 pm
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