
स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह (Photo-ANI)
Wing Commander Shivangi Singh: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को इतिहास रच दिया। फ्रांस निर्मित राफेल फाइटर जेट में 30 मिनट की ऐतिहासिक उड़ान भरी। अंबाला एयर बेस से उड़ान भरते हुए राष्ट्रपति के साथ को-पायलट के रूप में मौरिशस की झलक दिखाने वालीं विंग कमांडर शिवांगी सिंह नजर आईं। यही वो पल था जब भारत की इकलौती महिला राफेल पायलट ने राष्ट्रपति को आसमान की सैर कराई।
ग्रुप कैप्टन अमित गहानी, 17 स्क्वाड्रन (गोल्डन एरो) के कमांडिंग ऑफिसर ने मुख्य पायलट की भूमिका निभाई। उड़ान 200 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए 15,000 फीट की ऊंचाई पर पहुंची। राष्ट्रपति ने इसे अविस्मरणीय अनुभव बताया और स्टेशन के विजिटर बुक में लिखा, 'राफेल पर यह उड़ान मेरे लिए अविस्मरणीय है। इस शक्तिशाली विमान की पहली सवारी ने मुझे राष्ट्र की रक्षा क्षमताओं पर नया गर्व दिया।'
वाराणसी, उत्तर प्रदेश की रहने वाली विंग कमांडर शिवांगी सिंह बचपन में दिल्ली के एयर फोर्स म्यूजियम गई थीं। वहां से उड़ान का जुनून शुरू हुआ। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से स्नातक करने के बाद हैदराबाद के इंडियन एयर फोर्स एकेडमी (AFA) में ट्रेनिंग ली।
2017 में कमीशन प्राप्त करते ही मिग-21 बाइसन उड़ाना शुरू किया – जो IAF का सबसे चुनौतीपूर्ण विमान माना जाता है। बाद में राफेल की ट्रेनिंग ली और भारत की पहली और इकलौती महिला राफेल पायलट बनीं।
शिवांगी सिंह 17 स्क्वाड्रन 'गोल्डन एरो' का हिस्सा हैं – यही स्क्वाड्रन भारत के पहले राफेल फ्लीट का घर है। ऑपरेशन सिंदूर (2025 में पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई) में इस स्क्वाड्रन ने अहम भूमिका निभाई थी। राफेल की सटीक मारक क्षमता और लंबी दूरी की मिसाइलों ने दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद किया। शिवांगी सिंह उस मिशन की कोर टीम में शामिल थीं।
2023 में सुखोई-30 MKI में उड़ान भरकर राष्ट्रपति ने इतिहास रचा था। अब राफेल में उड़ान भरकर वे दो अलग-अलग फाइटर जेट में उड़ान भरने वाली पहली भारतीय राष्ट्रपति बन गई हैं।
Published on:
29 Oct 2025 06:37 pm
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