
First Budget of India: इंडियन बजट (Budget) भारत सरकार द्वारा हर साल प्रस्तुत किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसमें अगले वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) के लिए सरकार के खर्चे, आय, कर नीति, और अन्य आर्थिक योजनाओं का विवरण होता है। बजट को वित्त मंत्री द्वारा संसद में प्रस्तुत किया जाता है, और यह देश की आर्थिक दिशा को निर्धारित करने वाला एक अहम साधन होता है। हर साल का बजट खास होता है, क्योंकि इसके जरिए सरकार अपनी प्राथमिकताएं, आर्थिक स्थिति, और भविष्य की योजनाओं का खुलासा करती है। आइए जानते है बजट के बारे में कुछ दिलचस्प बाते।
भारत का पहला बजट 7 अप्रैल 1860 को पेश किया गया था। उस समय भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था, और इस बजट को ब्रिटिश सरकार के प्रतिनिधि और भारतीय वित्त मंत्री रहे जेम्स विल्सन ने प्रस्तुत किया था। यह बजट, ब्रिटिश साम्राज्य के आर्थिक दृष्टिकोण से तो महत्वपूर्ण था, लेकिन इसने भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था पर जो असर डाला, वह एक और गंभीर मुद्दा था, क्योंकि इसे मुख्य रूप से ब्रिटिश हितों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था।
वित्तीय स्थिति
1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद, ब्रिटिश सरकार को भारत की वित्तीय स्थिति सुधारने की आवश्यकता महसूस हुई। युद्ध की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव था। इस बजट में मुख्य ध्यान भारत की वित्तीय स्थिरता की ओर था।
नए करों की शुरुआत
जेम्स विल्सन ने कई नए करों का प्रस्ताव रखा, जिनमें मुख्य थे मध्यम और उच्च आयकर, कस्टम ड्यूटी, और संपत्ति कर। इन करों का उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के लिए राजस्व जुटाना था।
साथ ही, एक नई टैरिफ नीति भी लागू की गई, जिससे आयातित वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाया गया, और इसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन की आर्थिक नीति के तहत भारतीय बाजार को प्रभावित करना था।
रेलवे नेटवर्क का विस्तार
भारतीय रेलवे के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया गया, क्योंकि रेलवे का नेटवर्क ब्रिटिश साम्राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक उपकरण था। इस बजट के जरिए रेलवे के विस्तार और नए मार्गों की स्थापना की योजना बनाई गई।
सुधार और संरचनात्मक बदलाव
जेम्स विल्सन ने यह बजट पेश करते समय भारतीय प्रशासनिक ढांचे में सुधार की कोशिश की। इसके तहत भारतीय प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार को कम करने और प्रशासनिक कार्यकुशलता बढ़ाने के प्रयास किए गए।
सामाजिक और सार्वजनिक कार्यों के लिए निधि
इस बजट में कुछ राशि सार्वजनिक कल्याण कार्यों के लिए भी निर्धारित की गई, जैसे शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कुछ प्रस्तावित उपाय। हालांकि यह राशि कम थी, लेकिन यह भविष्य में सुधारों की दिशा में एक कदम था।
देश में बजट का महत्व
देश की अर्थव्यस्था के लिए बजट बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह किसी भी देश, राज्य, या संगठन की आर्थिक योजना का हिस्सा होता है। बजट द्वारा आर्थिक विकास के लिए मार्गदर्शन प्राप्त करती है। भारत के संदर्भ में बजट का महत्व और अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि यह न केवल सरकार की आर्थिक दिशा को निर्धारित करता है, बल्कि आम लोगों की जिंदगी पर भी इसका असर देखा जाता है। कुछ बिंदुओं में हम आपको समझाते हैं कैसे देश की अर्थव्यवस्था के लिए बजट अहम भूमिका निभाता है।
भारत का पहला बजट जेम्स विल्सन ने पेश किया था। जेम्स विल्सन ब्रिटिश साम्राज्य के वित्त मंत्री थे और उन्होंने ब्रिटिश शासन के तहत भारत की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए यह बजट प्रस्तुत किया था। उनका मुख्य उद्देश्य भारत में राजस्व संग्रहण बढ़ाना और आर्थिक स्थिरता लाना था।
हमेशा बजट से पहले हलवा सेरेमनी का आयोजन भारतीय सरकार के वित्त मंत्रालय में एक पारंपरिक रिवाज के रूप में होता है। इस समारोह का उद्देश्य बजट तैयार करने की प्रक्रिया को शुभ और सुरक्षित बनाने के साथ-साथ कर्मचारियों और अधिकारियों की मेहनत का उत्सव मनाना होता है। यह परंपरा लगभग 1960 के दशक से शुरू हुई थी।
इस साल देश का आम बजट पेश 1 फरवरी 2025 को पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। इस बजट को लेकर देशभर के लोगों में आर्थिक उन्नति की उम्मीद है।
Published on:
25 Jan 2025 03:50 pm
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