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इंडिया गेट पर जहां लगेगी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति, जानिए वहां पहले किसकी थी प्रतिमा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया है कि अब इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगाई जाएगी। इसके साथ ही पीएम मोदी ने एक तस्वीर भी साझा की है, इस तस्वीर को देखकर पता चलता है कि सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को कहां लगाया जाएगा। यही नहीं प्रधानमंत्री ने ये भी कहा है कि जब तक नेताजी की भव्य प्रतिमा बनकर तैयार नहीं हो जाती, तब तक उनकी होलोग्राम प्रतिमा उसी स्थान पर मौजूद रहेगी।

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Dheeraj Sharma

Jan 21, 2022

whose Statue was on India Gate before Netaji Subhash Chandra Bose

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि इंडिया गेट पर अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगाई जाएगी। हालांकि इस ऐलान के बाद लोग यही समझ रहे हैं कि बोस की प्रतिमा इंडिया गेट पर लगेगी, जबकि ऐसा नहीं है। ये प्रतिमा इंडिया गेट के पास एक छतरी में लगाई जाएगी। इस छतरी का एक फोटो भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में साझा किया है। दिल्ली में जहां इंडिया गेट बना है, वहां आसपास एक बड़ा सा पार्क है। इस पार्क में ही ये छतरी बनी है, जो इंडिया गेट के सामने है। इसी जगह पर बोस की प्रतिमा लगाई जाएगी। लेकिन इससे पहले जान लेते हैं किआखिर इस जगह पर पहले किसी प्रतिमा या तस्वीर लगी थी।

जॉर्ज पंचम की मूर्ति लगी थी

दरअसल जब इंडिया गेट बनकर तैयार हुआ था तब इसके सामने जार्ज पंचम की एक मूर्ति लगी हुई थी। इसे बाद में ब्रिटिश राज के समय की अन्य मूर्तियों के साथ कोरोनेशन पार्क में स्थापित कर दिया गया था। यह 1960 के दशक तक यहां लगी थी और 1968 में इसे यहां से भी हटाया गया था। अब जार्ज पंचम की मूर्ति की जगह प्रतीक के रूप में केवल एक छतरी भर रह गई है।

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ये वहीं छतरी है जहां पर अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगाए जाने का पीएम मोदी ने ऐलान किया है। बता दें कि कोरोनेशन पार्क दिल्ली में निरंकारी सरोवर के पास बुरारी रोड़ पर है।

यूके के किंग थे जॉर्ज पंचम

ब्रिटिशों ने भारत पर लंबे समय तक राज किया। यही वजह है कि उनके राजाओं की प्रतिमाएं ही देश के कोने-कोने में देखी जाती थीं। जॉर्ज पंचम यूनाइटेड किंगडम के किंग थे। ब्रिटिश भारत में 1910 से 1936 तक यहां के शासक भी रहे।

जॉर्ज के पिता महाराज एडवर्ड सप्तम की 1910 में मौत के बाद वे महाराजा बने थे। जॉर्ज पंचम एकमात्र ऐसे सम्राट थे जो कि दिल्ली दरबार में खुद अपनी भारतीय प्रजा के सामने प्रस्तुत हुए। यहां पर उनका भारत के राजमुकुट से राजतिलक हुआ था।

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प्लेग की वजह से हुई मौत

जॉर्ज पंचम ने पहले विश्व युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। उस दौरान वो ऐसे किंग थे, जिन्होंने अस्पताल,फैक्ट्रियों का दौरा किया था, जिसके बाद उनका आदर और भी बढ़ गया था। दरअसल इंडिया गेट का विश्व युद्ध से भी कनेक्शन है, यही वजह रही कि जॉर्ज पंचम की मूर्ति यहां लगाई गई थी। जॉर्ज की अंतिम दिनों में प्लेग और अन्य बीमारियों ने अपनी गिरफ्त में ले लिया था। इन्हीं के चलते उनकी मौत हुई थी।