
हजरतबल दरगाह विवाद मामले में बोले उमर अब्दुल्ला (Photo-IANS)
Hazratbal shrine controversy: जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में हजरतबल दरगाह में प्रतीक चिन्ह को तोड़ने के मामले में सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि किसी धार्मिक स्थल पर राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे जनता की भावनाएं आहत होती है। सीएम ने कहा कि पहला सवाल यह है कि क्या प्रतीक चिन्ह को आधारशिला पर उकेरा जाना चाहिए था।
सीएम अब्दुल्ला ने आगे कहा कि मैंने कभी किसी धार्मिक समारोह में प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल होते नहीं देखा। हजरतबल दरगाह के पत्थर पर प्रतीक चिन्ह और पट्टिका लगाने की क्या जरूरत थी? उन्होंने कहा कि शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने इस दरगाह को बनवाया। उन्होंने इसकी मरम्मत भी कराई लेकिन कभी भी पट्टिका या पत्थर का इस्तेमाल कर व्यक्तिगत श्रेय नहीं लिया। इसके बाद भी उनके योगदान को याद किया जाता है।
सीएम ने कहा कि एक गलती हुई थी और फिर यह हुआ, हालांकि ऐसा नहीं होना चाहिए था। सबसे पहले लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए माफी मांगनी चाहिए। प्रतीकों का इस्तेमाल सिर्फ़ सरकारी आयोजनों में ही होता है, मस्जिदें, दरगाहें, मंदिर और गुरुद्वारे सरकारी नहीं, क्योंकि ये धार्मिक स्थल है।
वहीं इस मामले में पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने प्रतीक चिह्न को क्षतिग्रस्त किया, उन्होंने ऐसा भावना में बहकर किया और वे प्रतीक चिह्न के खिलाफ नहीं हैं। मुफ्ती ने कहा- जिन लोगों ने भावनाओं में बहकर तोड़फोड़ की, वे प्रतीक चिन्ह के खिलाफ नहीं हैं।
उन्होंने आगे कहा कि यह कहना सही नहीं है कि इन लोगों को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और वे आतंकवादी हैं। यह हमारे लिए ईशनिंदा है। इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों, खासकर वक्फ बोर्ड, के खिलाफ धारा 295-ए के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।
बता दें कि शुक्रवार को हज़रतबल में ईद-ए-मिलाद के मौके पर यहां लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई थी। इस दौरान भीड़ ने वक्फ बोर्ड के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पट्टिका को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस घटना के बाद जम्मू कश्मीर में सियासी तूफान खड़ा हो गया। बीजेपी ने राष्ट्रीय प्रतीक को "मिटाने" की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
Published on:
06 Sept 2025 04:11 pm
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