वैज्ञानिकों ने बताई वजह
बता दें कि आमतौर पर अक्टूबर के महीने में बारिश नहीं होती। वहीं उत्तर से लेकर दक्षिण तक देश में आई इस तबाही के लिए वैज्ञानिक कई कारणों को जिम्मेदार मानते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक देर से मानसून के लौटने और कई जगहों पर कम दबाव क्षेत्र बनने के कारण यह बारिश हो रही है। वैज्ञानिकों के मुताबिक बीते सप्ताह एक साथ दो निम्न दबाव क्षेत्र, एक अरब सागर में और दूसरा बंगाल की खाड़ी में, विकसित हुए है। यही वजह है कि केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश हुई।
बता दें कि आमतौर पर अक्टूबर के महीने में बारिश नहीं होती। वहीं उत्तर से लेकर दक्षिण तक देश में आई इस तबाही के लिए वैज्ञानिक कई कारणों को जिम्मेदार मानते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक देर से मानसून के लौटने और कई जगहों पर कम दबाव क्षेत्र बनने के कारण यह बारिश हो रही है। वैज्ञानिकों के मुताबिक बीते सप्ताह एक साथ दो निम्न दबाव क्षेत्र, एक अरब सागर में और दूसरा बंगाल की खाड़ी में, विकसित हुए है। यही वजह है कि केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश हुई।
वैज्ञानिकों ने बताया कि वैसे सितंबर महीने तक मानसून की विदाई हो जाती है, वहीं अक्टूबर को मौसम परिवर्तन का माह होता है। इस दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून लौटता है. और दूसरी तरफ पश्चिमी विक्षोभ इस समय देश के सुदूर उत्तरी हिस्से के स्थानीय मौसम पर असर डालता है। यही वजह है कि बीते एक सप्ताह के दौरान लद्दाख और कश्मीर में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है।
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