
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह (photo - ANI)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जिस मंच पर मोदी सरकार द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के सफल कार्यान्वयन की तारीफ कर रहे थे, वहीं भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने सैन्य उपकरणों की खरीद में लगातार हो रही देरी का मुद्दा उठा दिया। एयर चीफ मार्शल ने यह तक कह दिया कि सरकार जो पूरे नहीं कर सकती वैसे वादे करते ही क्यों हैं?
दरअसल CII एनुअल बिजनेस सबमिट को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे हमने सटीकता के साथ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और पाकिस्तान ने जब हिमाकत की तो हमने पाकिस्तानी एयरबेसों को भी नष्ट कर दिया।
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि करने को तो हम कुछ भी कर सकते थे लेकिन हमने दुनिया के सामने एक शक्ति और समन्वय का उदाहरण पेश किया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्वदेशी प्रणालियों के इस्तेमाल से यह साबित हो गया है कि भारत के पास दुश्मन की किसी भी कवच में प्रवेश करने की ताकत मौजूद है।
रक्षा मंत्री कहा कि पाकिस्तान नियंत्रित कश्मीर (POK) भारत का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने विश्वास जताया कि जो लोग भौगोलिक और राजनीतिक रूप से अलग हुए हैं, वे जल्द या बाद में स्वेच्छा से भारत लौटेंगे। सिंह ने कहा, "अलगाव के बाद भी बड़े भाई का अपने छोटे भाई के प्रति विश्वास और भरोसा हमेशा बना रहता है।"
इसी मंच पर भारतीय वायु सेना के प्रमुख, एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने सैन्य उपकरणों की खरीद में हो रही लगातार देरी को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उनके अनुभव में ऐसा कोई भी प्रोजेक्ट नहीं है जो समय पर पूरा हुआ हो। CII एनुअल बिजनेस सबमिट को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने कहा, "समयसीमा एक बड़ी चुनौती है। हमें यह समझना होगा कि जो वादे पूरे नहीं कर सकते ऐसे करते ही क्यों हैं?"
एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने कहा, "कभी-कभी अनुबंध पर हस्ताक्षर करते समय हमें पहले से पता होता है कि इसे पूरा करना मुश्किल होगा, लेकिन फिर भी हम यह सोचकर हस्ताक्षर कर देते हैं कि बाद में स्थिति को संभाल लेंगे। जाहिर है, इससे पूरी प्रक्रिया में दिक्कतें पैदा हो जाती हैं।"
विशेष रूप से उन्होंने हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की 83 तेजस मार्क-1ए हल्के लड़ाकू विमानों की डिलीवरी में हो रही देरी पर चिंता जताई। इस अनुबंध पर 2021 में हस्ताक्षर हुए थे। इसके अलावा, HAL के साथ 70 HTT-40 बेसिक ट्रेनर विमानों की सप्लाई भी तय की गई है, जिनका उपयोग सितंबर 2025 से भारतीय वायु सेना में किया जाएगा।
एयर चीफ मार्शल ने बताया, "वायु शक्ति के बिना कोई सैन्य अभियान सफल नहीं हो सकता। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे पास क्षमता (capability) और सामर्थ्य (capacity) दोनों हों। सिर्फ ‘मेक इन इंडिया’ कहना काफी नहीं, अब हमें ‘भारत में डिजाइन और विकास’ की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।"
नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि आज के युग में युद्ध और शांति की सीमाएं धुंधली होती जा रही हैं। गैर-राज्यीय तत्व वाणिज्यिक तकनीकों का उपयोग कर सुरक्षा चुनौतियां बढ़ा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हम ‘सामूहिक सटीकता’ के युग में हैं, जहां अत्यंत सटीक क्षमताओं का होना हर देश के लिए आवश्यक है।
उन्होंने कहा, "आतंकवादी हमले तेजी से बड़े संघर्ष में बदल सकते हैं, और बिना प्रत्यक्ष टकराव वाले युद्ध (non-contact warfare), साइबर तथा अंतरिक्ष क्षेत्र का उपयोग अब यथार्थ बन चुका है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि नौसेना साल 2047 तक पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बल बनने के लिए प्रतिबद्ध है।
सुरक्षा सचिव आर. के. सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को नए सैन्य युग की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा, "हमने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि परमाणु ब्लैकमेल और सीमा पार आतंकवाद का युग समाप्त हो चुका है। आतंक के सभी ठिकानों को उनके स्रोत पर नष्ट किया जाएगा, और यह कार्रवाई पैदल सैनिकों तक सीमित नहीं रहेगी।"
Updated on:
30 May 2025 09:59 am
Published on:
30 May 2025 09:21 am
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