
Wrestlers Protest: ओलंपिक संघ ने WFI पर लगाया 'प्रतिबंध', नहीं कर सकेंगे कोई प्रशासनिक कार्य
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) का ताजा फैसला पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के लिए बेहद अहम है। इस नए फैसले से पूर्व एक एडहॉक कमेटी बनाई गई थी। यह कमेटी हर दिन WFI के होने वाले कार्यक्रम पर नजर रख रही थी। यही कमेटी आने वाले समय में WFI के चुनाव भी कराएगी। आईओए के संयुक्त सचिव और कार्यवाहक सीईओ कल्याण चौबे ने 12 मई को एक आदेश के माध्यम से निर्देश जारी किए, जिसमें कहा गया, आईओए द्वारा कुश्ती के अनुशासन के लिए नियुक्त तदर्थ समिति राष्ट्रीय खेल महासंघ के सभी कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाएगी, जैसा कि खेल संहिता के नियमों में कहा गया है।
डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान पदाधिकारियों की नहीं होगा कोई रोल
आदेश में आगे कहा गया, तदर्थ समिति के अस्तित्व में होने के साथ, डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान पदाधिकारियों की कुश्ती के अनुशासन के लिए एनएसएफ के किसी भी कार्य के अभ्यास के संबंध में कोई भूमिका नहीं होगी और कोई भी प्रशासनिक, वित्तीय, नियामक या कोई अन्य भूमिका नहीं करेंगे।
डब्ल्यूएफआई को निर्देश, सभी आधिकारिक दस्तावेज सौंपें
कल्याण चौबे ने डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान पदाधिकारियों से सभी आधिकारिक दस्तावेज, जिसमें वित्तीय दस्तावेज, अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में खिलाड़ियों की भागीदारी, वेबसाइट प्रबंधन आदि शामिल हैं, तदर्थ समिति को सौंपने के लिए कहा है।
एक तदर्थ समिति बनाएगी
आईओए कार्यकारी परिषद ने 27 अप्रैल, 2023 को अपनी आपातकालीन बैठक में सर्वसम्मति से डब्ल्यूएफआई मामलों की कमान संभालने के लिए एक तदर्थ समिति बनाने का संकल्प लिया था, और 3 मई, 2023 को आईओए कार्यकारी परिषद के सदस्य भूपेंद्र सिंह बाजवा और सुमा शिरूर, आईओए की उत्कृष्ट योग्यता वाली खिलाड़ी, को मिलाकर दो सदस्यीय तदर्थ समिति नियुक्त की थी।
पारदर्शी चुनाव के लिए न्यायाधीश की होगी नियुक्ति
आने वाले दिनों में, आईओए सुप्रीम कोर्ट या भारत के किसी भी हाईकोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को तदर्थ समिति के तीसरे सदस्य के रूप में नियुक्त करेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि डब्ल्यूएफआई के नए चुनाव सुचारू और पारदर्शी तरीके से हों।
Updated on:
13 May 2023 02:09 pm
Published on:
13 May 2023 02:07 pm
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