8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Yuvraj Singh की कैंसर से जुड़ी संस्था के पोस्टर पर क्यों शुरू हुआ बवाल?

Yuvraj Singh NGO YouWeCan: स्तन कैंसर (Breast Cancer) को लेकर जागरूकता अभियान से जुड़ा एक मामला पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह को भारी पड़ गया है। युवराज के यूवीकैन फाउंडेशन (YouWeCan Foundation) ने ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूक को लेकर एक पोस्टर बनाया है।

2 min read
Google source verification
Yuvraj Singh

Yuvraj Singh

Yuvraj Singh NGO YouWeCan: स्तन कैंसर (Breast Cancer) को लेकर जागरूकता अभियान से जुड़ा एक मामला पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह को भारी पड़ गया है। युवराज के यूवीकैन फाउंडेशन (YouWeCan Foundation) ने ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूक को लेकर एक पोस्टर बनाया है। इसमें महिलाओं के स्तन को 'संतरे' के नाम से परिभाषित किया गया है। जागरूकता पोस्टर में यूज किए गए विवादित शब्द 'संतरे' पर फैंस युवराज सिंह की आलोचना कर रहे हैं। दिल्ली मेट्रो में इसके पोस्टर लगाए गए हैं। जैसे ही लोगों ने इसे देखा, सोशल मीडिया पर इसके खिलाफ कई प्रतिक्रियाएं आने लगीं।

क्रिएटिव पोस्टर में लिखी ये लाइन

यूवीकैन फाउंडेशन के एक क्रिएटिव पोस्टर में लिखा गया है कि 'हर महीने एक बार अपने 'संतरे' चेक करें। विज्ञापन का उद्देश्य यह संदेश देना है कि ब्रेस्ट कैंसर का समय पर पता लग जाने से जान बच सकती है। पोस्टर में एक महिला को बस में खड़े दिखाया गया है, जिसके हाथ में दो संतरे हैं, जबकि कई बुजुर्ग महिलाएं बैठी हुई हैं। बुजुर्ग महिलाओं में से एक के पास संतरे का एक डिब्बा है। इस पोस्टर को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुया है।

पोस्टर हटाने की उठी मांग

विवादित पोस्टर को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है। यूजर्स तरह तरह के कमेंट दे रहे हैं। इसे लेकर एक सोशल मीडिया यूजर ने पोस्टर की आलोचना की है। यूजर ने शब्दों के गलत इस्तेमाल के लिए युवराज सिंह के संगठन के साथ-साथ दिल्ली मेट्रो की भी आलोचना की है। यूजर ने दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों से इस पोस्टर को जल्द से जल्द हटाने की अपील की है। युवराज सिंह को टैग करते हुए उनसे इस पोस्टर को हटाने का आग्रह किया।

'सोचने को मजबूर होना पड़ा कि...'

दिल्ली मेट्रो के कोच के अंदर चिपकाए गए पोस्टर की तस्वीर शेयर करते हुए एक अन्य यूजर ने लिखा, ' अगर हम स्तन को उसके वास्तविक नाम से भी नहीं पुकार सकते तो देश में ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूकता कैसे बढ़ेगी। दिल्ली मेट्रो में यह देखने के बाद सोचने को मजबूर होना पड़ा कि यह क्या है? अपने 'संतरे' चेक करो? ये क्या बकवास है? कौन इस तरह के पोस्टरों को बनाता है, कौन इन्हें मंजूरी देता है? कैसे इन पोस्टर को सार्वजनिक होने दिया गया?'

ये भी पढ़ें: बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली पर्यावरण मंत्री पर हमलावर हुए वीरेंद्र सचदेवा, मांगा इस्तीफा