
Zydus Cadila Covid Vaccine: PM Modi And Health Minister Mansukh Mandaviya Congratulate
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत को एक और हथियार मिल गया है। दरअसल, केंद्र सरकार ने एक और कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। सबसे बड़ी और खुशी की बात ये है कि इस वैक्सीन में पांच खूबियां हैं। इन पांच खूबियों की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Health Minister Mansukh Mandaviya) ने बधाई दी है।
मिनिस्ट्री ऑफ साइंस ऐंड टेक्नॉलजी ने बताया कि शुक्रवार को DCGI ने जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D को (Zydus Cadila Covid Vaccine) मंजूरी दे दी है। यह वैक्सीन दुनिया की डीएनए बेस्ड पहली कोरोना वैक्सीन है। इसे 12 साल और ऊपर के बच्चों और वयस्कों को लगाया जाएगा।
बता दें कि गुजरात के अहमदाबाद स्थित जेनेरिक दवा कंपनी कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड ने ZyCoV-D के बीते 1 जुलाई को अपने वैक्सीन की इमरजेंसी यूज की अनुमति के लिए आवेदन किया था। कंपनी नेये आवेदन 28 हजार वॉलंटियर्स पर किए गए आखिरी स्टेज के ट्रायल के आधार पर किया था।
ट्रायल में ये पाया गया था कि वैक्सीन का एफिकेसी रेट 66.6 प्रतिशत है। वहीं ट्रायल के बाद ये भी दावा किया गया था कि यह वैक्सीन 12 से 18 आयु वर्ग के लिए पूरी तरह सुरक्षित है। हालांकि, जानकारी के अनुसार, अभी तक ZyCoV-D के ट्रायल डेटा का पीयर रिव्यू नहीं किया गया है।
भारत में छठी कोविड वैक्सीन को मिली मंजूरी
आपको बता दें कि भारत में कोरोना टीकाकरण अभियान की शुरुआत 16 जनवरी 2021 को हुई थी। तब से लेकर अब तक भारत में 6 वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। जायडस कैडिला की वैक्सीन ( ZyCoV-D Vaccine ) से पहले भारत में पाचं वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है। इससे पहले सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन, रूस की स्पूतनिक-वी और अमरीका की मॉडर्ना व जॉनसन ऐंड जॉनसन की वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है।
पीएम मोदी और स्वास्थ्य मंत्री ने दी बधाई
पीएम मोदी ने जायडस कैडिला की वैक्सीन को मंजूरी मिलने पर बधाई दी है। उन्होंने ट्विट करते हुए लिखा ''भारत पूरे जोश के साथ COVID-19 से लड़ रहा है। @ZydusUniverse के दुनिया के पहले डीएनए आधारित 'ZyCov-D' वैक्सीन को मंजूरी भारत के वैज्ञानिकों के अभिनव उत्साह का प्रमाण है। वास्तव में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि।''
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी जायडस कैडिला की वैक्सीन को मंजूरी मिलने पर बधाई दी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा ''सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने Zydus Cadila द्वारा दुनिया में पहली डीएनए-आधारित, सुई-मुक्त #COVID19 वैक्सीन - 'ZyCov-D' को मंजूरी दी। इस टीके का उपयोग 12 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए किया जा सकता है।" उन्होंने आगे एक और ट्वीट में लिखा '''ZyCov-D' भारत में 6वां स्वीकृत #COVID19 वैक्सीन है और दूसरा स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन है। यह #AatmanirbharBharat और Make in India के विजन को पूरा करता है।"
Zydus Cadila की है ये पांच खूबियां
आपको बता दें कि भारत को कोरोना के खिलाफ लडा़ई के लिए वैक्सीन के तौर पर एक और हथियार मिल गया है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को ZyCoV-D Vaccine के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी। इस वैक्सीन की सबसे बड़ी खासियत ये है इसमें पांच खूबियां हैं। आइए जानते हैं क्या है ये पांच खुबियां..
- दुनिया की पहली DNA वैक्सीन :- बता दें कि यह दुनिया की पहली DNA आधारित कोविड वैक्सीन है।
- 12 साल से अधिक आयुवर्ग के लिए है टीका :- इस वैक्सीन की दूसरी खासियत यह है कि इसे 12 साल से अधिक आयुवर्ग को लगाया जाएगा। अभी तक भारत में 18 साल से अधिक उम्र वालों को ही टीका लगाया जा रहा है। हालांकि बहुत जल्द ही 12 साल से अधिक आयु वालों के लिए वैक्सीनेशन शुरू होने वाला है।
- तीन डोज वाली वैक्सीन :- यह दुनिया और भारत की पहली 3 डोज वाली कोविड वैक्सीन है।
- सुई रहित वैक्सीन :- यह सुई रहित वैक्सीन (Needle Free Vaccine) है।
- दूसरी स्वदेशी वैक्सीन :- यह एक स्वदेशी वैक्सीन है। इससे पहले भारत बायोटेक की ओर से तैयार किया गया स्वदेशी वैक्सीन 'वैकोवैक्सिन' का टीका लगाया जा रहा है।
खास तरीके से लगाई जाएगी वैक्सीन
बता दें कि ZyCoV-D Vaccine को सुई के जरिए नहीं लगाया जाएगा। यह सुई रहित वैक्सीन (Needle Free Vaccine) है। इसे एक खास डिवाइस के जरिए लगाया जाएगा। जायडस कैडिला ने दावा है कि इस मेथड से वैक्सीन लगने की वजह से दर्द नहीं होगा और इससे वैक्सीन के साइड इफेक्ट भी कम हैं।
इस तरह से काम करती है जायडस कैडिला की डीएनए वैक्सीन
बता दें कि जायडस कैडिला की यह कोरोना वैक्सीन (ZyCoV-D Vaccine) दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन है। इसके जरिए जेनेटिकली इंजीनियर्ड प्लास्मिड्स को शरीर में इंजेक्ट किया जाता है। इससे शरीर में कोविड-19 के स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन होता है और इस तरह वायरस से बचाव वाले एंटीबॉडी पैदा होते हैं।
Updated on:
21 Aug 2021 12:10 am
Published on:
20 Aug 2021 11:35 pm
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