
Neemuch
नीमच. आंगनवाड़ी में नियम विरुद्ध कार्यकर्ता की नियुक्ति का मामला प्रकाश में आया है। अपर कलेक्टर न्यायालय ने भी नियुक्त को निरस्त कर नए सिरे से पूरी भर्ती प्रक्रिया अपनाने के आदेश दिए थे। न्यायालय के आदेश होने के बाद भी न तो प्रक्रिया निरस्त की गई और न ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को पद से हटाया गया। इस संबंध में जवाबदारों का कहना है कि जांच कर नियम अनुसार कार्रवाई करेंगे।
पूरी प्रक्रिया को ही कर दिया था निरस्त
कुकड़ेश्वर से करीब 6 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत दाता में डेढ़ साल पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की भर्ती की गई थी। रोजगार सहायक, ग्राम पंचायत सचिव व महिला बाल विकास द्वारा भर्ती प्रक्रिया को अंजाम दिया गया था। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में पात्रता अनुसार मायावती चंदनसिह नायक बंजारा को नियुक्ति दी जाना थी। मायावती के स्थान पर अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखते हुए मनमाने तरीके से माया पति कमलाशंकर गायरी को नियुक्ति दे दी। पात्रता होने के बाद भी जब मायावती को नियुक्ति नहीं दी गई तो उन्होंने हाईकोर्ट की इंदौर बेंच का दरवाजा खटखटाया। पीडि़त पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों और प्रमाणों के आधार पर
न्यायालय ने अपर कलेक्टर नीमच को भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने के आदेश दिए थे। अपर कलेक्टर ने न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए नवीन भर्ती प्रक्रिया अपनाने के निर्देश दिए थे। नए सिरे से आवेदन आमंत्रित करने को कहा था। दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए भी अपर कलेक्टर ने निर्देश जारी किए थे। इसके बाद भी मनमाने तरीके से नियुक्त की गई महिला आंगनवाड़ी में कार्य कर रही है।
मेरिट अनुसार पहला नाम मेरा था
आंगनवाड़ी केंद्र पर भर्ती के लिए आवेदन मांगा गया था। आवेदन करने पर मेरिट अनुसार प्रथम नाम मेरा आने पर मुझे पात्रता अनुसार नियुक्ति प्रदान की गई थी। मेरी नियुक्ति से संबंधित रिकार्ड महिला बाल विकास विभाग में भी उपलब्ध है। नियुक्ति आदेश अनुसार मैं आंगनवाड़ी में कार्य कर रही हूं।
- माया पति कमला शंकर गायरी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता दाता
मामला मेरे संज्ञान में आया है
यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। मैं पूरी फाइल देखकर वस्तुस्थिति के बारे में जानकारी लूंगा। इसके बाद मामले की पूर्ण रूप से जांच कर न्यायालय के आदेशानुसार कार्रवाई करूंगा।
- जयदेव जोसेफ, परियोजना अधिकारी मनासा
जांच कराकर नियम अनुसार कार्रवाई करेंगे
इस मामले में सीडीपीओ द्वारा जांच करवाकर रिपोर्ट मंगाई जाएगी। अगर गलत तरीके से नियुक्ति हुई है तो उसे निरस्त कर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
- संजय भारद्वाज, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी
आदेश का होना चाहिए पालन
मैंने स्पष्ट आदेश किए हैं कि ग्राम पंचायत दाता की आंगनवाड़ी में जो नियुक्ति की गई है उसे निरस्त कर पूरी प्रक्रिया नए सिरे से अपनाई जाए। मेरे न्यायालय से आदेश हुआ है। उसका पालन संबंधित अधिकारियों करना चाहिए। यदि वे यह कह रहे हैं कि उन्हें आदेश की जानकारी नहीं है तो यह संभव नहीं है। मेरे न्यायालय से आदेश की प्रति गई होगी। मेरे न्यायालय से आदेश होने के बाद भी यदि आंगनवाड़ी में कार्यकर्ता की नियुक्ति को निरस्त नहीं किया गया है तो कोर्ट के आदेश की अह्वेलना है।
- विनयकुमार धोका, अपर कलेक्टर
Published on:
25 Dec 2019 12:33 pm
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