जावद । मध्यप्रदेश में बगावत के कारण हर चुनाव में मुंह की खा रही कांग्रेस में बगावत रोकने का दिग्विजयी फार्मूला भले ही खासा सुर्खियों में रहा हो, लेकिन कांग्रेस में ऐसे फार्मूले केवल सुर्खियां बटोरने के लिए होते हैं, वास्तविकता में अमल के लिए नहीं। इसका ताजा उदाहरण रविवार को प्रदेश की अंतिम विधानसभा क्रमांक 230 जावद क्षेत्र में प्रत्यक्ष देखने को मिला है।
दरअसल जावद में जिले की प्रभारी नूरी खान की अगुवाई में नारी सम्मान योजना के अंतर्गत सम्मेलन आयोजित हुए। इसमें कार्यकर्ताओं की भावना जानना भी एक विषय था। लेकिन स्वागत सत्कार की बात पर ही कार्यकर्ता आपस मे भिड़ गए। यहां के दो दावेदार राजकुमार अहीर और सत्यनारायण पाटीदार दोनों के ही समर्थक हाथापाई पर उतारू हो गए। आरोप लगे कि स्वागत करने वालों की लिस्ट में एक पक्ष के लोगों के नाम ज्यादा क्यों हैं। दोनों दावेदार नेता भी अपने समर्थकों को शांत करने की बजाय उकसाते रहे। गौरतलब है कि यह दोनों वही नेता हैं जिन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह के कहने पर कसम खाई थी कि चाहे टिकिट किसी को भी मिले वे विधानसभा चुनाव में बागी होकर चुनाव कतई नहीं लड़ेंगे। कांग्रेस के लिए तन मन से काम करने की भी कसम मंच से खाई थी। बगावत रोकने के इस दिग्विजयी फार्मूले ने देश प्रदेश के मीडिया में सुर्खियां बटोरी थी।
बात यहीं शांत नहीं होती है, नारी सम्मान कार्यक्रम में नारी शक्ति का रूप, प्रभारी नूरी खान और महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष स्नेहलता शर्मा की मौजूदगी में उतावले कार्यकर्ता अश्लील इशारे करने से भी बाज नहीं आये। इधर जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौरसिया के संबोधन के दौरान भी कार्यकर्ताओं ने जमकर हुड़दंग की। नूरी खान को मोर्चा संभालना पड़ा और उन्होंने यहां तक कहा कि भीतर की यह बात मीडिया तक जाएगी तब क्या हमें अच्छा लगेगा? फिर भी कुछ कार्यकर्ता चिल्लाचोट करते ही रहे। बाद में प्रभारी नूरी खान ने कहा कि अनुशासनहीनता करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।