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कर्मचारियों को सातवां वेतनमान तो लेकिन मकान का भाड़ा और भत्ता छठे वेतनमान के समान

- प्रत्येक कर्मचारी - पेट्रोल 108 रुपए लीटर, 11 साल से वाहनों का भत्ता मिल रहा है केवल 200 रुपए महीनाको 605 रुपए मकान भाड़ा दिया जा रहा है

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कर्मचारियों को सातवां वेतनमान तो लेकिन मकान का भाड़ा और भत्ता छठे वेतनमान के समान

कर्मचारियों को सातवां वेतनमान तो लेकिन मकान का भाड़ा और भत्ता छठे वेतनमान के समान

नीमच। प्रदेश के राज्य कर्मचारियों में गृह भाड़ा भत्ता और वाहन भत्ते में सरकारी वेतनमान के भत्तों में बढ़ोत्तरी रुक जाने से काफी असंतोष है, जिले में करीब ६५०० हजार राज्य कर्मचारी है। प्रत्येक कर्मचारी को काफी नुकसान उठाना पड़ा रहा है। अकेले घर के किराए की बात करें तो बीते 7 साल 4 महीने में गृह भाड़ा भत्ता न बढ़ाने पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर प्रथम श्रेणी कर्मचारी तक को 2 लाख 34000 से 10 लाख 27000 रूपए का नुकसान हुआ है, वहीं वाहन भत्ते के रुप में राज्य के कर्मचारी को महीने के केवल दो सौ रुपए मिलते हैं।

मकान किराए में कर्मचारी को कहां कितना फटका
संयुक्त राज्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष ज्ञानवर्धन श्रीवास्तव ने बताया कि अभी राज्य के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान तो मिल रहा है, लेकिन मकान भाड़ा छठवें वेतनमान के हिसाब से मिल रहा है। जैसे जिस कर्मचारी को छठे वेतनमान में 6050 का 10त्न 605 रुपए दिया जा रहा है, उसी कर्मचारी को सातवें वेतनमान में 15505 फिक्स होने पर 18त्न केंद्र के अनुसार देने पर 2790 रुपए मकान का भाड़ा मिलेगा। इस प्रकार से 2195 रुपए का नुकसान कर्मचारी को हो रहा है। किसी का वेतन छठवें वेतनमान में 21000 था, उस पर पुराना एचआरए 10त्न 2100 दिया जा रहा है। उसी कर्मचारी को सातवें वेतनमान पर 56100 रुपए पर 10098 मिलेंगे, यानी 7998 का नुकसान हो रहा है।

महीने भर में कर्मचारी के पेट्रोल भत्ता 200 रुपए
शासकीय राज्य कर्मचारी लिपिक संध के जिला सचिव देवेंद कुमार पंवार ने बताया कि जो वेतनमान के साथ मिल रहे भत्तों का आंकलन निकाला है, उसके मुताबिक वर्ष 2016 से सातवां वेतनमान लागू होने के बाद केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को वाहन भत्ता 1800 रुपए है। जिसमें अगर 42 फीसदी का मंहगाई भत्ता और जोड़ दिया जाए तो 2556 रुपए केन्द्रीय कर्मचारी को वाहन भत्ते के रुप में मिल रहे हैं। जबकि एमपी के चार महानगरों में काम करने वाले कर्मचारी को केवल 200 रुपए महीना वाहन भत्ते के रुप में मिलते हैं। यानि महीने भर में दो लीटर पेट्रोल का पैसा. कर्मचारी नेता तिवारी के मुताबिक एक ही राज्य में रहने वाले केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों के भत्तों में इतना अंतर है। जबकि महंगाई केंद्र एवं राज्य कर्मचारियों सबके लिए समान है। 2017 से लेकर अब तक पेट्रोल के दाम में डेढ़ गुना इजाफा हो गया है। जुलाई 2017 में पेट्रोल के दाम 69.67 रुपए थे। यह अब बढक़र 108.63 रुपए हो गए।

पेट्रोल की कब कितनी दर रही
वर्ष --------दाम प्रति लीटर में
2017 ------69.67 रुपए
2018------ 81.17 रुपए
2021----- 107.86
2023----- 108.63 रुपए