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वर्ष 2011 में कमल राणा को टीआई योगेंद्र सिंह ने किया था गिरफ्तार, उसके बाद मिलीभगत

- तस्कर कमल राणा ने जीरन क्षेत्र के चीताखेड़ा से प्रतापगढ़ जाने वाले मार्ग पर बिछाया नेटवर्क

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वर्ष 2011 में कमल राणा को टीआई योगेंद्र सिंह ने किया था गिरफ्तार, उसके बाद मिलीभगत

वर्ष 2011 में कमल राणा को टीआई योगेंद्र सिंह ने किया था गिरफ्तार, उसके बाद मिलीभगत

नीमच। सन 2011 में जालोर जेल तोड़ कर फरार हुए कुख्यात तस्कर कमल राणा को जब अक्टुबर 2016 में मप्र पुलिस ने रणथम्बोर से गिरफ्तार किया तो प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने खास तौर से नीमच पुलिस को बधाई दी थी। कारण था कि कमल राणा पर 25 से भी ज्यादा मुकदमे दर्ज थे। अब लॉकडाउन के दौरान भी कमल राणा की गैंग सक्रिय रही है। अभी मंदसौर पुलिस के हत्थे दो गुर्गे पकड़़ाने के बाद नीमच एसपी ने भी कमल राणा के अपराध की फाइल बनाना शुरू कर दिया है। लेकिन उसकी गिरफ्तारी कोई नहीं कर पाया है। हालांकि डीआईजी ने भी उस पर २० हजार का इनाम गिरफ्तारी कराने वालों को देने के लिए घोषित किया है।

चीताखेड़ा ग्रामीणों ने बताया कि तस्कर कमल राणा का नेटवर्क क्षेत्र भारी सक्रिय है। कमल राणा के नेटवर्क में ५०० से भी ज्यादा लोग शामिल है। अभी छोटी सादड़ी के व्यक्ति ने चीताखेड़ा में करीब डेढ़ बीघा जमीन ली है और पांच बीघा शासकीय जमीन पर कब्जा कर लिया है। यह जमीन चीताखेड़ा-चेनपुरिया मार्ग पर ली है। जहां बड़ा गोदाम बनाया गया है। जहां पर कमल राणा के गुर्गे राजस्थान से पिकअप भरकर आए है। यहां पर बिस्तर व पलंग डाल दिए गए है। यहां पर लोग ठहरे है। जो कि रात्रि में अवैध मादक पदार्थ तस्करी को अंजाम देते है। आपको बता दें कि कमल राणा के नेटवर्क में 500 से भी ज्यादा लोग शामिल थे। शातिर कमल राणा की गैंग में पुलिस के लोग, कई गांवों के युवा और सोशल मीडिया पर लिखने वाले लोग शामिल थे, जिनके दम पर कमल राणा फरारी में भी डोडाचुरा, स्मैक और अफीम की तस्करी कर रहा था। इसी दौरान राणा के एक साथी को एक देशी कारबाइन और मैगजीन के साथ गिरफ्तार किया गया था। राणा पर राजस्थान और मप्र दोनों प्रदेशों की पूलिस ने 25-25 हज़ार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। पुलिस में राणा के सहयोगी कभी भी यह नही चाहते थे की राणा गिरफ्तार हो और उन पुलिस वालों की वर्दी पर आंच आए। उनमें से कई अब भी जिले में ही पदस्थ हैं। राणा की गिरफ्तारी के लिये खास तौर पर साईबर एक्सपर्ट योगेंद्र सिंह सिसोदिया को लगाया गया था।

छवि चमकाने सोशल मीडिया पर रख रखे हैं गुर्गे
पुलिस ने जानकारी दी थी कि भोपाल, उदयपुर, मंद्सौर, प्रतापगढ और नीमच जिले के 100 से ज्यादा लोगों ने राणा को संरक्षण दे रखा था। इन सभी सहयोगियों के नाम सामने आने थे मगर यह तो दूर की बात खुद कमल राणा पर दर्ज दर्जनों मामलों में राणा आसानी से जमानत पर बरी होता गया। साफ है कि नीमच पुलिस के लोग अब भी उसका सहयोग कर रहे हैं। यही नही छवि चमकाने के लिए सोषल मीडिया पर कुख्यात तस्कर कमल राणा के नए-नए नाम गढ़े जा रहे हैं। लगातार कमल राणा से वित्त पोषित कर्मी उसे हिंदु डॉन, हनुमान जी का भक्त, लोकप्रिय आदी उपाधियों से नवाज रहे हैं। ताकि कमल राणा को तस्कर से समाज सेवी और उसके बाद नेता का गेटअप दिया जा सके। यह सारी कवायद उसकी सेकड़ो करोड़ की संपत्ति को बचाने और एक नम्बर में तब्दिल करने के लिये है। इस काम में कई ठेकेदार उसकी मदद कर रहे हैं।

इनका यह कहना है
अभी मैने थाना संभाला है और क्षेत्र भ्रमण जारी है। तस्करी के नेटवर्क को पनपे नहीं दिया जाएगा। राजस्थान जाने वाले मार्ग पर रात्रि गश्त भी बढ़ाई जाएगी। जिससे तस्करों की धरपकड़ की जा सके।
- केएल डांगी, थाना प्रभारी जीरन।