नीमच. विद्यार्थियों में देश के प्रति कर्तव्य निष्ठा का भाव होना चाहिए। जैसा प्रशिक्षण हम प्राप्त कर रहे हैं वैसा ही प्रशिक्षण आचार्य विद्यार्थियों को सिखाएं। राष्ट्रभक्ति के बिना सामाजिक सरोकार नहीं होता है। विद्यार्थियों की शिक्षा में राष्ट्रभक्ति सामाजिक सरोकार को जोडऩा है। अभिभावकों के सहयोग के बिना राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू नहीं हो सकती है।
यह बात विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान नई दिल्ली के अखिल भारतीय महामंत्री अवनीश भटनागर ने बतौर मुख्य वक्ता कही। वे विद्या भारती सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मालवा उज्जैन की योजनानुसार सरस्वती विद्या मंदिर सीबीएसई विद्यालय सभागार में रविवार सुबह 10 बजे ४ दिवसीय प्रांतीय प्राचार्य, प्रधानाचार्य योजना बैठक के उद्घाटन सत्र के शुभारंभ में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्कृति के संस्कार के बिना व्यक्तित्व का निर्माण नहीं हो सकता है। राष्ट्रभक्ति के बिना सामाजिक सरोकार नहीं होता है। नैतिक विचारों से युक्त शिक्षा से उत्कृष्ट व्यक्तित्व का निर्माण होना चाहिए। सबसे सफल योजना वह है जो विचार कर एवं चरणबद्ध रूप से बनाई जाए। योजना मुख्यत: प्रबंधन का कार्य होता है। योजना की रणनीति में स्थिति परिवर्तन होने के बाद सामने आने वाली चुनौती का सामना करने के लिए वैकल्पिक मार्गों का भी समावेश रहना चाहिए। सरकार द्वारा बनाई गई योजना को सफल बनाने के लिए विद्या भारती के कार्यकर्ता सहयोग कर रहे हैं। योजना विचार का पालन होगा तभी योजना सफल होगी। योजना के साथ-साथ संस्कार मूल्य और शिक्षा महत्वपूर्ण होती है। अचानक आने वाली चुनौती का सामना करने की रणनीति तय होना चाहिए। प्रत्येक कार्ययोजना धरातल पर लागू होने वाली होनी चाहिए। विद्यालय की परिस्थिति अनुसार शिक्षा कार्य का पालन करना चाहिए। शब्दावली का भाव समझे बिना सफलता नहीं मिलती है। विद्यालयों में विद्यार्थियों को पढऩे सीखने में सहायता करने से क्रियांवयन सफल होता है। विद्यालय की समय सारणी योजना का भी अपना अलग महत्व होता है। विद्यार्थियों को शिक्षा संस्कार के साथ तकनीकी कौशल विकास का ज्ञान भी होना चाहिए। विद्यालय का विकास आचार्य की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। विद्यालय में कोई भी विषय कार्ययोजना सफल होने के लिए विभागों का योगदान महत्वपूर्ण होता है इसे ध्यान में रखना है होगा। छोटे-छोटे तकनीकी कौशल प्रशिक्षण हमारा महत्वपूर्ण समय बचा सकते हैं। छोटे से छोटे श्रम के प्रति सम्मान का भाव होना चाहिए। कोई कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता बालक के सर्वांगीण विकास की योजना आचार्य का केंद्र होना चाहिए। विद्यार्थियों के सोचने का विकास हो और कुशल व्यक्तित्व का निर्माण हो ऐसी विद्यालय की योजना होनी चाहिए। शिक्षा में राष्ट्रभक्ति का समावेश होना चाहिए। कार्यक्रम में मंच पर अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री श्रीराम अरावकर, नगरीय क्षेत्र की शिक्षा विद्या भारती मालवा प्रांत के अध्यक्ष डॉ. कमल किशोर चितलांग्या, ग्रामीण क्षेत्र की शिक्षाविद्या भारती मालवा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्रकुमार शर्मा मंचासीन थे। अतिथियों का परिचय मदनलाल राठौर ने दिया। संचालन राकेश जोशी ने किया।