
पुशओं का निवाले से दो राज्यों के बीच जेब भरने की मच रही होड़
नीमच। जिले में चारा संकट को देखते हुए भूसा परिवहन पर राजस्थान व अन्य राज्योंं में जाने पर रोक के लिए प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के लिए जिला कलेक्टर ने आदेश जारी कर रखे है। उसके बावजूद शहर व जिले से बेरोकटोक भूसेसे भरे ट्रेक्टर-ट्रॉली और डँपर राजस्थान व अन्य राज्यों की तरफ भेज जा रहे है। वहीं कई ऑयल फैक्ट्री भी इनकी खरीदी कर रही है। ऐसे में भूसा बेचने वाले ऐसे रास्तो का उपयोग करते है, जो सीधे राजस्थान की सीमा में प्रवेश करवा दे, हालात यह है कि शहरी हाईवे से लेकर आस-पास के मार्गों पर खुलेआम भूसा परिवहन करते वाहन देखे जा सकते है। इतना होने के बाद भी जिम्मेदारों द्वारा कोई कार्रवई नहीं की जा रही है। ऐसे में कलेक्टर का आदेश मात्र दिखावा बनकर रह गया है।
आपको बता दें कि रबी सीजन में गेंहू व अन्य फसल की कटाई के साथ्ज्ञ ही भूसा परिवहन कर अन्य राज्यों में भेजा जाता है। इसको किसान से लेकर बिचौलियों तक को खूब कमाई होती है। परंतु गर्मी का मौसम शुरू होने के कारण जिले में हरे चारे के साथ सूखे चारे की भी कमी होना शुरू हो गई है। ऐसे में पुशओं को पर्याप्त चारा-पानी मिल सके, इसके लिए प्रशासन द्वारा समय रहते कदम उठाए जाते है। इस साल भी वहीं स्थिति है और चारे की कर्मी बनी हुई है। जिसके बावजूद गेंहू कटाई के साथ ही भूसा राजस्थान सहित दूसरे राज्यों में भेजा जाने लगा है। इसे देखते हुए कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने चारा-भूसा को नीमच जिले के बाहर राजस्थान सहित अनय राज्यों में तथा जिलों में भेजने पर प्रतिबंध लगाते हुए प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के आदेश जारी किए थे। आदेश के बावजूद जिले के बाहर भूसा परिवहन कर अन्य राज्यों में खुले आम भेजा जा रहा है। नाकाबंदी की कार्रवाई नहीं की जा रही है। यदि यही हालात रहे तो आने वाले दिनों में पशुओं के लिए खाने का चारा या भूसा दोनों नहीं मिल पाएंगे।
दोपहर और रात के समच निकलते है तेजी से भूसे से भरे वाहन
भूसा परिवहन करने वालों की माने तो टे्रक्टर-ट्रॉली या बड़े वाहनों में भूसा भरने के बाद उन्हें तत्काल निकाला जाता ाहै। यदि कहीं चैकिंग का डर रहता है तो गावं के रास्ते पर ले जाते है। ताकि कोई पूछताछ करे तो खेत से घर पर या बाड़े में ले जाना बताते है। ज्यादा दिक्कत होने पर गौशाला का नाम लेते है।
जिले में परिवहन पर प्रतिबंध लगने से भूसे के दाम भी बढ़े
जिले में भूसे के भाव 15 दिन पहे तक 1700 रुपए से लेकर 2500 रुपए तक प्रति ट्रॉली मिल रहें थे। अब जिला प्रशासन के प्रतिबंध के बाद भाव में तेजी आई है, इससे जुड़े लोगों का कहना है कि वर्तमान में एक ट्रॉली भूसा का भाव २ हजार से 4 हजार रुपए तक पहुंच गया है। शहर से बाहर ले जाने में ज्यादा रिस्क रहता है। इसीलिए भाव में यह अंतर देखने को मिल रहा है। फिलहाल यही हालत रही तो और अधिक दाम बढ़ेंगे।
इन क्षेत्रों में हो रहा है अधिक भूसे का परिवहन
शहर की बात करें तो शहरी हाईवे पर ही दोपहर व रात होते ही चोर से भरे ट्रेक्टर-ट्रॉली और अन्य वाहनों को देखा जा सकता है। महू रोड पर ऐसे वाहन सबसे ज्यादा देखे जा सकते है। यहां आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भूसा भरकर लाते है और बड़े वाहनों में भरकर राजस्थान सीमा में पहुंचचा दिया जाता है। जामुनिया कला से होकर राजस्थान की सीमा में जाने के लिए कई रास्ते है। दलावदा, चीताखेड़ा और जीरन होकर प्रातपगढ़ व अन्य रास्ते से राजस्थान सीमा मेें प्रवेश कर सकते है। इसी प्रकार हिंगोरिया बालाजी मंदिर, रेलवे फाटक से हवाई पट्टी रोड, पटवा स्कूल, झांझरवाड़ा, धामनियां, क्षेत्र से अचारी होकर सीधे राजस्थान में प्रवेश कर जाते है। जबकि दूसरी और नयागाव जावद और सिंगोली, रतनगढ़ क्षेत्र से भी राजस्थान की तरफ से राजस्थान मेंं प्रवेश करते है। इन क्षेत्रों से ही अधिक परिवहन होता है।
इनका यह कहना है
शहर से भूसा लेकर निकलने वाले अधिकतर किसान ही होते है। राज्य सीमा से बाहर न जाए खासकर इस और ध्यान दिया जा रहा है। जिसको लेकर बॉर्डर थाने की पुलिस ही कार्रवाई कर रही है।
- मोहन भर्रावत, प्रभारी यातायात थाना नीमच।
Published on:
28 Apr 2022 08:17 pm
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