जानकारी के अनुसार बंगला बगीचा समस्या के स्थाई समाधान को लेकर समिति द्वारा समस्या का हल नहीं होने पर चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय ले लिया है, समिति द्वारा लंबे समय से लगातार बंगला बगीचा व्यवस्थापन नियम में बदलाव की मांग की जा रही है। इस समिति द्वारा किए जा रहे संघर्ष में काफी संख्या में बंगला बगीचा क्षेत्र के रहवासी शामिल हैं।
समिति सदस्यों ने जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में मुख्य नगरपालिका अधिकारी, कलेक्टर व प्रभारी मंत्री से भी मुलाकात कर समस्या से अवगत कराया है, लेकिन अभी तक महज आश्वासन ही हाथ लगा है, इस कारण अब समिति द्वारा आंदोलन कर अपने हक के लिए लडऩे की तैयारी की जा रही है। जिसके तहत संपूर्ण क्षेत्र जहां पर आम नागरिक निवास कर रहे हैं। वहां घर-घर जाकर समाधान नहीं तो वोट नहीं के फ्लैक्स, बैनर और पोस्टर लगाए जाएंगे। साथ ही आगामी निकाय चुनाव का सार्वजनिक रूप से बहिष्कार किया जाएगा।
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समिति के सदस्य अमित शर्मा एडवोकेट ने बताया गया कि आजादी के बाद से ही बंगला बगीचा वासी अपनी समस्या को लेकर कई बार नेताओं के पास गए है, यहां तक की हर चुनाव में मुख्यमंत्री, विधानसभा लोकसभा व स्थानीय निकाय चुनाव के उम्मीदवारों तक ने समस्या के त्वरित और जनहित में समाधान का वादा किया था। लेकिन व्यवस्थापन के लिए जो नियम बनाए गए वह नियम अत्यंत जटिल व जन विरोधी हैं। उन्होंने बताया कि इसमें कई व्यावहारिक व कानूनी कठिनाई आ रही है, इस कारण बंगला बगीचा क्षेत्र की जनता को सड़कों पर उतर कर आंदोलन करना पड़ रहा है। इसी तारतम्य में आज से बंगला बगीचा वासी घर-घर समाधान नहीं तो वोट नहीं के पोस्टर लगाएंगे और आने वाले चुनाव में चुनाव का सार्वजनिक रूप से बहिष्कार करेंगे।