गुजराती गरबे और माता के भजनों की स्वरलहरियों पर थिरकते भक्त, रथ में सवार माता की प्रतिमा और उड़ती गुलाल से शहर धर्ममय नजर आने लगा, अवसर था शहर के अधिकतर भक्त मंडलों द्वारा गुरुवार को विसर्जन करने का। कोई संजीवनी तो कोई हॢकयाखाल पहुंचकर प्रतिमाओं का विसर्जन कर रहे थे। सभी घाटों पर पुलिस के साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे।