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नीमच शहर के चारों तरफ लघु नदियां आकार लेंगी

- नालों का गहरीकरण और सौंदर्यीकरण के लिए केनाल प्रोजेक्ट की तैयारी- बेहतर स्थिति रही तो वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगेगा

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नीमच. शहर के चारों ओर फैले पुराने नालों का जीर्णोद्वार करने की तैयारी की जा रही है। ग्रीष्मकाल में केनाल प्रोजेक्ट का काम शुरू होगा। बारिश का जल अधिकाधिक संग्रहित करने के उद्देश्य से इस प्रोजेक्ट को इस वर्ष गति दी जा रही है। नालों के गहरीकरण और चौड़ीकरण के साथ ही किनारों का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। पुराने जमाने की तरह लघु नदियां यहां आकार लेने जा रही हैं।
यह है नालों की स्थिति-
नीमच शहर के चारों दिशाओं से होकर वर्तमान में जो नाले बह रहे हैं वे किसी समय लघु नदियों के स्वरूप में थे। इन छोटी नदियों में लोग नहाने जाया करते थे। इनके आसपास घना जंगल हुआ करता था। बाद में प्राकृतिक जंगल की जगह कांक्रीट के जंगलों ने ले ली। धीरे-धीरे नाले सिमट गए। एक नाला कनावटी की तरफ से आता है जिसमें राजस्थान का बारिश का पानी बहकर आता है। यह नाला कनावटी से सीआरपीएफ , संजीवनी पुलिया के नीचे, ग्वालटोली, स्पेंटा पैट्रोल पंप, मनासा रोड़ बड़ी पुलिया से प्रताप मार्ग सिटी की पुलिया के नीचे होता हुआ रावणरूंडी बंदे की पाल तक जाता है। दूसरी तरफ किलेश्वर मंदिर से लगे सीआरपीएफ कैंपस से भी काफी आगे लेवड़ा की ओर से राजस्थान की छोटी नदियों का पानी नाले में आता है। जो किलेश्वर, मंडी के पीछे, स्टेशन रोड़ पुलिया, जयसिंहपुरा रोड़, एकता कॉलोनी, अंबेडकर कॉलोनी के किनारे, माधोपुरी बालाजी पुलिया, मुक्तिधाम होते हुए बाबा शहाबुद्दीन दरगाह से रावणरूंडी खाल में मिलता है। इन दोनो नालों के चारों दिशाओं के घुमाव के बीच में केंट एरिया मौजूद है। धीरे-धीरे कुछ स्थानों पर नालों ने नालियों का रूप ले लिया है। नालों के किनारे अतिक्रमण हो गए और पक्के मकान तक बन गए हैं। वर्ष २००४-५ में इन नालों का युद्धस्तर पर गहरीकरण किया गया था। तब की जलसंवर्धन योजना शहर के कुओं को आज भी रिचार्ज कर रही है। इन नालों में कुछ स्थानों पर बारहों मास पानी ठहरा हुआ रहता है।
स्टॉप डेम भी बनेंगे-
हर वर्ष ग्रीष्मकाल में बारिश के पहले जलसंवर्धन के कार्य किए जाते हैं। इस बार नगरपालिका द्वारा केनाल प्रोजेक्ट को हाथ में लिया जा रहा है। चारों दिशाओं में मौजूद इन नालों के गहरीकरण का कार्य सबसे पहले होगा। जिस पर करीब ४० लाख रुपए खर्च होंंगे। गहरीकरण से निकलने वाली मिट्टी से किनारों को समतल किया जाएगा। जबकि जहां पर बारिश के पानी के अधिक ठहराव की संभावना है ऐसे चार स्थानों पर स्टॉप डेम बनाए जाएंगे। दूसरी तरफ जहां पर चौड़े किनारे तैयार होंगे वहां पर आकर्षक बगीचे और पिकनिक स्पॉट बनाए जाएंगे। प्रमुख स्थानों पर नागरिकों के भ्रमण के लिए वॉकिंग स्ट्रीप भी बनाई जाएगी। बारिश में जल ठहराव की स्थिति बेहतर होती है तो इन नालों पर वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाने की योजना है। इस पूरी योजना पर शुरूआत में करीब डेढ़ करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी।

वर्जन-
नीमच शहर के चारों तरफ वर्तमान में जो नाले हैं वे किसी जमाने में छोटी नदियों का रूप थे। उन नालों का अस्तित्व फिर से लौटाने की कोशिश की जा रही है। इस ग्रीष्मकाल में केनाल प्रोजेक्ट का बहुउद्देश्यीय कार्य शुरू किया जा रहा है। केनाल प्रोजेक्ट के लिए जल्द एक बैठक भी की जा रही है। - राकेश जैन पप्पू, अध्यक्ष नगरपालिका परिषद नीमच
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