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पकने की कगार पर खड़ी फसल, कटने से पहले तोड़ रही दम

पकने की कगार पर खड़ी फसल, कटने से पहले तोड़ रही दम

नीमचSep 14, 2019 / 12:42 pm

Subodh Tripathi

पकने की कगार पर खड़ी फसल, कटने से पहले तोड़ रही दम

पकने की कगार पर खड़ी फसल, कटने से पहले तोड़ रही दम

नीमच. सोयाबीन की फसल 80 से 90 दिन में पक कर कटने लगती है। लेकिन इस बार बोवनी के बाद से जो बारिश शुरू हुई उसने रूकने का नाम नहीं लिया। ऐसे में फूल और फली वाली अवस्था में बारिश होने से पहले ठीक से फूल नहीं आए, वहीं बाद में फली की अवस्था में भी बारिश जारी रहने से फली में फल नहीं आया। वहीं अब फसल कटने का समय नजदीक आ रहा है। लेकिन बारिश के कारण लगता है कि फसल काटने लायक बचेगी भी या नहीं।

यह बात किसानों ने कही, उन्होंने बताया कि इस बार फसल पूर्ण रूप से चौपट हो गई है। चूकि सोयाबीन की फसल अब कटने का समय आ गया है। लेकिन खेतों में पानी भरा होने के कारण फसल काटने लायक भी नहीं बची है। यूं तो पहले ही फसल में अफलन की स्थिति होने के कारण उत्पादन प्रभावित होता नजर आ रहा था, लेकिन अब अंतिम दौर में हुई बारिश से साफ कहा जा सकता है। कि इस बार जितना बीज बोया था, उतना भी निकल जाए तो किस्मत कहेंगे।

नहीं हुई प्रकाश संश्लेषण की क्रिया
चूकि फसल को पानी के साथ हवा और धूप दोनों चाहिए, तभी फसल विकसित होती है। लेकिन इस बार फसल की तीनों अवस्था में बारिश बरकरार रहने के कारण पौधों को सूर्य की रोशनी, धूप नहीं मिल पाई। जिससे पौधों में होने वाली प्रकाश संश्लेषण की क्रिया भी नहीं हो पाई। इस प्रकार पौधा विकसित नहीं हो पाया, ऐसे में जब फसल में फूल आ रहे थे, तो बारिश के कारण वे खिर गए, इसके बाद जब फल वाली अवस्था आई तो बारिश के कारण फली भी ठीक से नहीं लग पाई। अब फसल कटने की अवस्था आई है तो खेतों में पानी भर गया, जिससे निश्चित ही फसल गल जाएगी।

मनासा तहसील में खेतों में चहुं ओर बारिश का पानी भर जाने से फसल पूर्ण रूप से प्रभावित हो गई है। खेतों की यह स्थिति देखकर किसान ने मान लिया है कि इस बार फसल हाथ नहीं लगनी है।

जावद तहसील के अठाना क्षेत्र में भी हालात कुछ यूं ही बयां कर रहे हैं। यहां भी फसल पूर्ण रूप से प्रभावित नजर आ रही है। किसानों ने बताया कि पहले तो फिर भी कुछ हाथ लगने की उम्मीद थी। लेकिन अब तो पूर्ण रूप से फसल खत्म होती नजर आ रही है।
इस बार बारिश अधिक होने से फसल खराब हो चुकी है। पहले तो उम्मीद थी कि थोड़ा बहुत उत्पादन हो जाएगा, लेकिन अब पूर्ण रूप बिल्कुल भी उत्पादन होता नजर नहीं आ रहा है।
-उदयराम धनगर, किसान व पूर्व सरपंच नलखेड़ा

वैसे तो सोयाबीन की फसल एक बीघा में तीन से चार क्ंिवटल होती है। लेकिन इस बार बीज बोया उतनी भी निकलना संभव नहीं है। क्योंकि इस बार फूल, फली व कटने वाली तीनों अवस्था में बारिश हुई है।
-रामकुमार धाकड़, किसान, अठाना
राजस्व विभाग और कृषि विभाग द्वारा सर्वे किया जा रहा है। फिलहाल सर्वे की कोई रिपोर्ट नहीं आई है। लेकिन बारिश के कारण ज्यादा नुकसान हो रहा है तो फिर से सर्वे होगा। बारिश के कारण फसल प्रभावित तो हुई है, ऐसे में किसानों को क्रॉप कटिंग अनुसार बीमें का लाभ मिलेगा।
-एसएस चौहान, उप संचालक कृषि

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