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खराब नींद, उच्च रक्तचाप और Gut Microbiome के बीच संबंध उजागर

शिकागो के इलिनोए विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किया गया अध्ययन। अभी तक आंतों के सूक्ष्मजीवों ( Gut Microbiome ) की तादाद से नहीं था खराब नींद का संबंध। खराब नींद ( disturbed sleep ) से उच्च रक्तचाप, आंत के सूक्ष्मजीवों में बदलाव और हृदय रोग की संभावना।

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Bad sleep, high blood pressure and gut microbiome link uncovered by researchers

Bad sleep, high blood pressure and gut microbiome link uncovered by researchers

नई दिल्ली। शिकागो में इलिनोए विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण नए अध्ययन ने खराब नींद ( disturbed sleep ), उच्च रक्तचाप और आंतों के सूक्ष्मजीव ( Gut Microbiome ) के लिए व्यवधान के बीच जटिल संबंध की पहचान की है। जानवरों पर हुए ठोस अध्ययन से पता चलता है कि ये तीन कारक एक दूसरे को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं और इसके निष्कर्ष खराब नींद के नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों को कम करने वाले इलाज की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।

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यों तो वर्तमान में सेहत पर आंतों के सूक्ष्मजीव के प्रभाव की जांच को लेकर कई शोध चल रहे हैं, लेकिन इनमें अभी तक इनके बीच संबंध को सामने लाने का कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है। उदाहरण के लिए उच्च रक्तचाप आंत के सूक्ष्मजीवों की आबादी में असंतुलन के साथ जुड़ा हुआ है। दूसरी ओर लंबे वक्त तक नींद की गड़बड़ी को रक्तचाप में वृद्धि और हृदय रोग के खतरे के साथ जोड़ा गया है।

इस नए अध्ययन के लेखकों में से एक ऐनी फिंक बताती हैं, "हम जानते हैं कि रात में काम करना आपके स्वास्थ्य के लिए समस्याएं पैदा कर सकता है और आंकड़े बताते हैं कि रात भर जागने से उच्च रक्तचाप हो सकता है और कुछ मामलों में अंततः हृदय रोग भी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह हालात किस तंत्र की वजह से पैदा होते हैं।"

उखड़ती नींद, आंत के सूक्ष्मजीव में परिवर्तन और रक्तचाप के बीच संबंधों की जांच करने के यह अध्ययन चूहों पर किया गया था। 28 दिनों तक इन चूहों की नींद में लगातार रुकावट पैदा की गई, जबकि रक्तचाप और आंत के सूक्ष्मजीव की आबादी में परिवर्तन को नियमित अंतराल पर मापा गया।

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इस शोध की एक अन्य लेखक कैथरीन माकी बताती हैं, "जब चूहों की नींद अनियमित और असामान्य हो गई, तब रक्त चाप में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी जो कि सामान्य नींद मिलने पर पर भी बढ़ी हुई पाई गई। इससे पता चलता है कि खराब नींद एक निरंतर अवधि के लिए शरीर को प्रभावित करती है।"

स्पष्ट रूप से खराब नींद और बढ़े हुए रक्तचाप के बीच संबंध नया नहीं था क्योंकि इसे नींद में कमी का अनुभव करने वाले मनुष्यों में भी देखा गया है। हालांकि, आंत के सूक्ष्मजीव पर नींद के विघटन का विलंबित प्रभाव अप्रत्याशित था।

जहां जानवरों की नींद में खलल पड़ने के तुरंत बाद रक्तचाप में वृद्धि अपेक्षाकृत कम पाई गई, एक सप्ताह तक लगातार नींद में रुकावट पड़ने के बाद आंत के सूक्ष्मजीव में असंतुलन देखा जा सका। अंत में उत्तेजक प्रक्रियाओं से जुड़े बैक्टीरिया में वृद्धि का पता चला, और ये बदलाव तब तक तुरंत सामान्य नहीं हुए जब तक जानवरों को स्वाभाविक रूप से सोने दिया गया।

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शोधकर्ता के मुताबिक, "जब नींद में व्यवधान बंद हो गया, तो सब कुछ तुरंत सामान्य नहीं हुआ। यह शोध कई रोग कारकों की उपस्थिति के साथ एक बहुत ही जटिल प्रणाली दिखाता है।"

शोधकर्ताओं ने नींद के व्यवधान, आंतों के सूक्ष्मजीव परिवर्तन और रक्तचाप के बीच इन अंतःक्रियाओं का निष्कर्ष यह निकाला है कि ये दिशाहीन नहीं हैं। हालांकि सूक्ष्मजीवों की आबादी में बदलाव के बाद नींद में रुकावट आती है और रक्तचाप बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं का सुझाव है कि आंतों के बैक्टीरिया को सीधे निशाना बनाने वाले प्रोबायोटिक्स खराब नींद के कारण होने वाले उच्च रक्तचाप को कम कर सकते हैं।