नई दिल्ली

कौन हैं दिव्या देशमुख? जिन्होंने शतरंज में विश्व की नंबर वन खिलाड़ी को हराया

Chess Player Divya Deshmukh: फिडे विश्व रैपिड एंड ब्लिट्ज टीम चैंपियनशिप के दूसरे चरण के ब्लिट्ज सेमीफाइनल में दिव्या देशमुख ने विश्व की नबंर-1 खिलाड़ी होउ यिफान को हराकर इतिहास रचा है। आइए जानते हैं दिव्या देशमुख शतरंज खिलाड़ी कौन हैं?

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महाराष्ट्र निवासी 19 साल की शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने विश्व की नंबर वन खिलाड़ी को हराया। (फोटो सोर्सः @p_sahibsingh)

Chess Player Divya Deshmukh: भारत की होनहार युवा शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा और साहस का लोहा मनवाया है। लंदन में आयोजित वर्ल्ड ब्लिट्ज टीम चेस चैंपियनशिप में उन्होंने दुनिया की नंबर एक महिला खिलाड़ी चीन की हाउ यिफान को हराकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। हाउ यिफान को शतरंज जगत में अपराजेय माना जाता है। यही कारण है कि दिव्या की यह जीत ऐतिहासिक मानी जा रही है।

हालांकि टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहले मुकाबले में दिव्या को यिफान के हाथों हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन उन्होंने दूसरे मुकाबले में जबरदस्त वापसी की। सफेद मोहरों से खेलते हुए दिव्या ने खेल की शुरुआत से ही यिफान पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। ब्लिट्ज चेस में समय की सटीक गणना और सही चालों का महत्व बहुत अधिक होता है और दिव्या ने इसे बखूबी साबित किया। उन्होंने न केवल समय का कुशलतापूर्वक उपयोग किया, बल्कि यिफान की एक-एक गलती का फायदा उठाते हुए मुकाबला अपने नाम किया।

दिव्या देशमुख ने बचपन से दिखाया कौशल

दिव्या देशमुख का जन्म 9 दिसंबर 2005 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था। उनके माता-पिता डॉ. जितेंद्र और डॉ. नम्रता दोनों चिकित्सा पेशे से जुड़े हैं। महज पांच साल की उम्र में दिव्या ने शतरंज की बिसात पर कदम रखा और जल्द ही राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपने हुनर का जलवा दिखाया। 2012 में उन्होंने अंडर-7 नेशनल चैंपियनशिप जीतकर सबका ध्यान खींचा।

इसके बाद 2014 में डरबन में आयोजित अंडर-10 वर्ल्ड यूथ टाइटल और 2017 में ब्राजील में अंडर-12 कैटेगरी में भी खिताब अपने नाम किए। उनकी निरंतर प्रगति ने उन्हें 2021 में वुमन ग्रैंडमास्टर बना दिया, और इसके साथ ही वह विदर्भ की पहली और देश की 22वीं महिला खिलाड़ी बनीं जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकती पहचान

दिव्या ने 2023 में इंटरनेशनल मास्टर (IM) का खिताब भी प्राप्त कर लिया। 2024 में उन्होंने वर्ल्ड जूनियर गर्ल्स U-20 चैंपियनशिप में भी परचम लहराया, जहाँ उन्होंने 11 में से 10 अंक जुटाकर टॉप स्थान हासिल किया। इसके अलावा, 45वें चेस ओलंपियाड में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने में भी उनकी अहम भूमिका रही। उनकी परफॉर्मेंस रेटिंग 2600 से अधिक रही, जो उनके उच्चतम स्तर के खेल को दर्शाता है। दिव्या देशमुख आज न केवल भारत की शान बन चुकी हैं, बल्कि भविष्य की विश्व चैंपियन के रूप में भी देखी जा रही हैं। उनकी सफलता देश के लाखों युवा शतरंज खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने की सराहना

दिव्या की इस जीत की देशभर में सराहना हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर उन्हें बधाई दी। उन्होंने लिखा, “वर्ल्ड टीम ब्लिट्ज चैंपियनशिप, लंदन के सेमीफाइनल के दूसरे मुकाबले में वर्ल्ड नंबर 1 हाउ यिफान को हराने पर दिव्या देशमुख को बधाई। यह जीत उनकी हिम्मत और दृढ़ निश्चय का प्रमाण है, जो आने वाले शतरंज खिलाड़ियों को भी प्रेरणा देगी। उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं।”

रेखा सरकार के मंत्री प्रवेश वर्मा ने दी बधाई

महाराष्ट्र निवासी शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख की जीत पर दिल्ली की रेखा सरकार में पीडब्‍ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने उन्हें बधाई दी है। प्रवेश वर्मा ने अपने सोशल मीडिया 'X' अकाउंट पर लिखा "भारत की युवा प्रतिभा @DivyaDeshmukh05 ने विश्व की नंबर 1 खिलाड़ी हाउ यीफान को पराजित कर वर्ल्ड टीम ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह सफलता न केवल उनके खेल कौशल और आत्मविश्वास की मिसाल है, बल्कि यह भी प्रमाण है कि भारत की बेटियां आज हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का गौरव बढ़ा रही हैं। दिव्या को भविष्य के लिए अनंत मंगलकामनाएं।"

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