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Cairn Energy को 1 अरब डॉलर का प्रस्ताव मंजूर, भारत के खिलाफ सभी मामलों को वापस लेगी

केंद्र सरकार ने कर कानून (रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स) को खत्म करने का ऐलान किया है, इसके बाद कंपनी (Cairn Energy) ने यह कदम उठाया।

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cairn energy

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नई दिल्ली। ब्रिटिश कंपनी केयर्न एनर्जी (Cairn Energy) ने फ्रांस से लेकर अमरीका तक भारतीय संपत्तियों को जब्त करने के मामले को वापस लेने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार ने कर कानून (रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स) को खत्म करने की घोषणा की है, इसके बाद कंपनी ने यह कदम उठाया है।

भारत ने केयर्न की एक अरब डॉलर की राशि वापस करने के प्रस्ताव को मान लिया है। केयर्न के अनुसार वह एक अरब डॉलर का रिफंड मिलने के 1-2 दिन में ही इन मामलों को वापस लेने की कार्यवाही प्रारंभ कर देगी।

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फैसले को साहसिक बताया

केयर्न (Cairn Energy) ने रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स (Retrospective tax) की नीति को खत्म करने के मोदी सरकार के फैसले को साहसिक बताया। बीते माह एक कानून की मदद से पिछली तारीख से कर लेने की इस नीति को खत्म कर दिया गया था।

इस कानून के तहत आयकर विभाग को 50 वर्ष तक पुराने मामलों में पूंजीगत लाभ कर (Capital Gain Tax) लगाने का अधिकार दिया गया था। दरअसल अगर किसी कंपनी के मालिकाना हक में बदलाव विदेश में हुआ है, मगर कारोबारी परिसंपत्तियां भारत में ही हैं तो भी उस पर यह कानून लागू हो रहा था। केयर्न ने भारत में जमीनी क्षेत्र में सबसे बड़ी तेल खोज की थी।

केयर्न के सीईओ साइमन थॉमसन के अनुसार सभी मामलों को वापस लेने और बीते तारीख से कर मांग को लेकर जब्त धनराशि लौटाने का प्रस्ताव उन्हें मंजूर है। केयर्न मामलों में रिफंड मिलने के कुछ ही दिन बाद ये केस वापस ले लेगी। केयर्न के शेयरहोल्डर भी इस पेशकश को स्वीकार करने और विवाद को खत्म करने के पक्ष में हैं।

शेयरधारकों का समर्थन

थॉमसन के अनुसार शेयरधारक ब्लैकरॉक और फ्रैंकलिन टेंपलटन इस प्रस्ताव को स्वीकृति देने के पक्ष में हैं। इस रुख के पीछे शेयरधारकों का समर्थन है। विवाद हम बाहर निकलने के पक्ष में हैं। ऐसी बातों पर अड़े रहना ठीक नहीं है। भारत के निवेश को बेहतर करने के लिए और देश की छवि को सुधारने को लेकर सरकार ने बीते माह नया कानून लागू करा था।

शेयरधारकों को विशेष लाभांश

सीईओ का कहना है कि इस मामले का तेजी से निपटारा हो रहा है। सब कुछ वापस लिया जाएगा। कोई विवाद अब नहीं होगा। केयर्न ने रिपोर्ट में कहा कि वह भारत सरकार से प्राप्त 7,900 करोड़ रुपये या 1.06 अरब डॉलर में से 70 करोड़ डॉलर शेयरधारकों को विशेष लाभांश या पुनर्खरीद की मदद से लौटाया जाएगा।