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Chandni Chowk Assembly Election 2025: बेटे ने बचाया पिता का सम्मान, बड़े अंतर से जीता चुनाव

Chandni Chowk Assembly Election 2025: चांदनी चौक विधानसभा सीट पर पांच बाद के विधायक रहे प्रह्लाद सिंह के बेटे पुनरदीप सिंह ने बड़े अंतर से भाजपा को शिकस्त दी है। इसके साथ ही यहां आम आदमी पार्टी ने तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगाई।

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Chandni Chowk Assembly Election 2025: बेटे ने बचाया पिता का सम्मान, बड़े अंतर से जीता चुनाव

Chandni Chowk Assembly Election 2025: चांदनी चौक विधानसभा सीट दिल्ली की हॉट सीटों में से एक है। इसी सीट पर साल 2015 में आम आदमी पार्टी से अलका लांबा ने जीत दर्ज की थी। हालांकि बाद में अलका लांबा ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। फिलहाल इस सीट पर आम आदमी पार्टी का कब्जा है। दिल्ली चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी ने चांदनी चौक से वर्तमान विधायक प्रह्लाद सिंह साहनी का टिकट काटकर उनके बेटे पुनरदीप सिंह साहनी को चुनावी मैदान में उतारा था। पुनरदीप ने 16572 मतों से चुनाव में जीत दर्ज की। पुनरदीप सिंह साहनी को 38993 वोट मिले। जबकि भाजपा सतीश जैन को 22421 मत प्राप्त हुए। वहीं 9065 वोटों के साथ कांग्रेस के मुदित अग्रवाल तीसरे नंबर पर रहे। चांदनी चौक विधानसभा सीट पर 253 लोगों ने नोटा का प्रयोग किया। इसके साथ ही यहां चार प्रत्याशियों की जमानत भी जब्त हो गई।

पांच बार विधायक रह चुके हैं प्रह्लाद सिंह साहनी

चांदनी चौक विधानसभा सीट पर साल 1998 से लेकर 2013 तक प्रह्लाद सिंह साहनी कांग्रेस के टिकट पर लगातार चार बार विधायक रहे। इसके बाद साल 2015 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ी अलका लांबा ने उन्हें शिकस्त दी। साल 2020 में प्रह्लाद सिंह साहनी आप में शामिल हो गए और चांदनी चौक से फिर विधायक बने। हालांकि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी ने उनका टिकट काटकर उनके बेटे पुनरदीप सिंह साहनी पर दांव लगाया। कांग्रेस ने यहां से पूर्व सांसद जयप्रकाश अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल को चुनावी मैदान में उतारा था। जबकि भाजपा ने यहां से व्यवसायी सतीश जैन को टिकट दिया था। साल 1993 के बाद से भाजपा इस सीट पर चुनाव जीतने के लिए तरस रही है।

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चांदनी चौक विधानसभा सीट का इतिहास

यह क्षेत्र हिंदू और मुस्लिम मतदाताओं का मिलाजुला गढ़ है। यहां 30 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं। इसके अलावा चांदनी चौक इलाके में व्यवसायी मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है। राजनीतिक दलों ने इसी गणित को ध्यान में रखते हुए अपने-अपने प्रत्याशी उतारे हैं। हालांकि चांदनी चौक सीट पर समीकरण साधना हर पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण माना है। चांदनी चौक में लंबे समय तक कांग्रेस का दबदबा रहा है। पार्टी यहां अक्सर जीत दर्ज करती आई थी, लेकिन पिछले दो विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। इन चुनावों में आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की और कांग्रेस का प्रभाव लगभग खत्म कर दिया। चांदनी चौक में भाजपा का रिकॉर्ड काफी कमजोर रहा है। पार्टी ने यहां केवल वर्ष 1993 में जीत दर्ज की थी।

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पिछले दो चुनावों में क्या था चांदनी चौक का परिणाम?

साल 2020 में चांदनी चौक विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी प्रह्लाद सिंह साहनी को 50,891 वोट मिले थे। जबकि भाजपा प्रत्याशी सुमन कुमार गुप्ता को 21,307 वोट प्राप्त हुए थे। वहीं कांग्रेस की अलका लांबा को 3,881 वोट मिले थे। विधानसभा चुनाव में जीत का अंतर 38.3% था। जबकि साल 2015 में आम आदमी पार्टी की अलका लांबा ने यहां से जीत दर्ज की थी। अलका लांबा को 36,756 वोट मिले थे। जबकि भाजपा के सुमन कुमार गुप्ता को 18,469 वोट और कांग्रेस के प्रह्लाद सिंह साहनी को 17,930 वोट मिले थे।

काम नहीं आया कांग्रेस का नया दांव

चांदनी चौक विधानसभा सीट पर इस बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा था। जहां आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता और चांदनी चौक से मौजूदा विधायक प्रह्लाद सिंह साहनी के पार्षद बेटे पुरनदीप साहनी ने चुनाव में भारी मतों से जीत दर्ज की। वहीं कांग्रेस का दांव काम नहीं कर पाया। कांग्रेस प्रत्याशी मुदित अग्रवाल को सिर्फ 9065 वोटों से संतोष करना पड़ा। मुदित पहली बार चुनावी मैदान में उतरे थे। चांदनी चौक विधानसभा सीट पर चार प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई।