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पत्रिका ब्यूरो
नई दिल्ली। पंजाब में विधानसभा चुनावों की घोषणा से ठीक पहले कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ने लगी है। एकतरफ किसान संगठनों ने राज्य की चरणजीत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है तो दूसरी ओर पार्टी में टूट की शुरुआत भी मंगलवार से हो चुकी है। किसानों के प्रदर्शन के चलते दिल्ली से जम्मू रेलवे ट्रेक पर भी आवागमन बधित हो रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी किसान संगठनों से बातचीत क्र समाधान निकालने के प्रयास कर रहे है।
कांग्रेस के गुरु हरसहाय से वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने भाजपा का दामन थाम लिया है। भाजपा मुख्यालय में गुरमीत सिंह सोढ़ी को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने पार्टी की सदस्य्ता दिलवाई। गुरमीत सिंह सोढ़ी ने कहा कि पंजाब की भलाई के लिए यह फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा ही पंजाब को बचा सकते हैं। कांग्रेस ने राज्य की सुरक्षा और सांप्रदायिक शांति व्यवस्था को दांव पर लगा दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष छवि अब पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। कांग्रेस की आपसी लड़ाई पंजाब के लिए खतरनाक हालात पैदा कर रही है।
दरअसल, राणा गुरमीत सिंह को पंजाब के दिग्गज नेताओं में शुमार किया जाता है। गुरमीत सिंह लगातार चार बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर चुके हैं। वहीं सोढ़ी के भाजपा में शामिल होने पर कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा है कि सोढ़ी की हालत गुरु हरसहाय सीट पर ठीक नहीं थी इसलिए वे सीट बदलना चाहते थे। उन्होंने कहा कि भाजपा लड़ाई में नहीं है और कांग्रेस वापसी करेगी। भाजपा उन नेताओं को ले रही है जिनकी राज्य में उपयोगिता नहीं बची है।
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विवेक
Published on:
21 Dec 2021 08:26 pm
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